ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम एशेज सीरीज जीत चुकी है लेकिन उसके बोर्ड के लिए इंग्लैंड के साथ सीरीज घाटे का सौदा बनती जा रही है. यह सब हो रहा है टेस्ट मैचों के पूरे पांच दिन तक नहीं जाने की वजह से. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज 2025-26 के चार में से दो टेस्ट दो-दो दिन के अंदर खत्म हो गया. पहले पर्थ में ऐसा हुआ जहां मेजबान को जीत मिली. अब मेलबर्न टेस्ट का नतीजा भी दो दिन में आ गया. इसमें इंग्लिश टीम जीती. बताया जाता है कि मेलबर्न टेस्ट के दो दिन में खत्म होने से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को 60.59 करोड़ रुपये का झटका लग सकता है.
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रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को पर्थ टेस्ट के दो दिन में खत्म होने से 1.5 मिलियन पाउंड का नुकसान हुआ था. उसे आखिरी तीन दिन के खेल की टिकटों के पैसे वापस करने पड़े थे. इसके अलावा बाकी रेवेन्यू में भी कमी आई. मेलबर्न टेस्ट के दो दिन में खत्म होने से पांच मिलियन पाउंड की कमी कमाई में हुई. भारतीय मुद्रा में यह रकम 60 करोड़ रुपये के करीब होती है.
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की सैलरी में होगी कटौती
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की कमाई में गिरावट का मतलब है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को भी नुकसान होगा. उन्हें मिलने वाली रकम में 27 फीसदी की कमी आ सकती है. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की सैलरी बोर्ड की कमाई पर ही निर्भर होती है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को 2024-25 में भी नुकसान हुआ था. भारत के साथ पांच मैच की टेस्ट सीरीज के बाद भी उसे 11.3 मिलियन डॉलर यानी करीब 100 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. ऐसे में लगातार दो साल में नुकसान से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की सेहत बिगड़ सकती है.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ ने छोटे टेस्ट को माना नुकसानदेह
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ टॉड ग्रीनबर्ग ने माना कि टेस्ट मैच का जल्दी खत्म होना बुरा है. उन्होंने 27 दिसंबर को सेन रेडियो से बात करते हुए कहा, 'हम चाहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट लंबे चले. आसान भाषा में कहना चाहूंगा कि छोटे टेस्ट कारोबार के लिए खराब हैं. मैं इससे ज्यादा मुंहफट नहीं हो सकता. मैं गेंद और बल्ले के बीच ज्यादा संतुलन चाहूंगा और मुझे लगता है कि पहला दिन गेंद के पक्ष में ज्यादा था.'
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को ज्यादा कमाई भारत और इंग्लैंड के साथ होने वाली सीरीज से ही होती है. लेकिन लगातार दो साल में इन दो टीमों के साथ खेलने से भी उसे फायदा नहीं हुआ है.
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