इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जैमी स्मिथ को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन विकेट के पीछे कैच आउट दिए जाने पर विवाद हुआ. स्निकोमीटर में साफ नहीं हो पाया कि क्या गेंद उनके बल्ले या ग्लव्ज से लगकर कीपर एलेक्स कैरी के दस्तानों में गई थी. लेकिन थर्ड अंपायर ने ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में फैसला दिया. फैंस ने इस फैसले पर सवाल उठाए. लेकिन पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने नियम और स्निकोमीटर की बारीकियां समझाते हुए साफ किया कि थर्ड अंपायर शरफुद्दौला का फैसला सही था.
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साइमन टॉफेल ने जैमी स्मिथ को आउट देने पर क्या कहा
टॉफेल ने चैनल 7 की कवरेज के दौरान कहा कि सही निर्णय लिया गया. उन्होंने इस फैसले को लेकर उठ रहे सवालों के पीछे स्निकोमीटर की ऑस्ट्रेलिया व दुनिया के बाकी देशों में अलग-अलग तकनीक को जिम्मेदार माना. टॉफेल ने कहा, 'दुनियाभर में जब बल्ले से किनारा पकड़ने की दो अलग-अलग तकनीक होती है तब यही मुश्किल रहती है. पहले हम हॉक आई अल्ट्रा एज का उपयोग करते हैं. ऑस्ट्रेलिया दुनिया के कुछ देशों में से हैं जहां रियल टाइम स्निको (आरटीएस) काम में लिया जाता है. आरटीएस के इस्तेमाल के साथ एक ऐसी सीरीज में अंपायरिंग करना बहुत मुश्किल होता है लेकिन आरटीएस में ठोस सबूतों को लेकर नियम ऐसे हैं कि अगर बल्ले के पास गेंद निकलने के एक फ्रेम बाद तक अगर स्पाइक दिखती है तो वह सही है. इस मामले में यही हुआ.'
न्यूजीलैंड से आने वाले टॉफेल ने आगे कहा, 'बदकिस्मती से वह (शरफुद्दौला) जल्दी से फैसला नहीं देना चाहते थे. ट्रक (डीआरएस रूम) में बैठे लोगों ने उन्हें आराम से सारे एंगल दिखाने की कोशिश की. मेरे हिसाब से सही फैसला लिया गया. आरटीएस में गेंद के बल्ले के पास से गुजरने के एक फ्रेम बाद भी स्पाइक दिखने का मतलब है कि बल्लेबाज को पवेलियन जाना पड़ेगा.'
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी आए थे ऐसे मामले
साल 2024 में जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया गई थी तब भी इस तरह के मामले सामने आए थे. विराट कोहली और यशस्वी जायसवाल के साथ इस तरह की घटनाएं हुई थी.
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