खेलों में 'घर वापसी' और नई योजनाएं: 'मेडल लाओ नौकरी पाओ' नीति लागू।

एक प्रमुख हिंदी टीवी समाचार नेटवर्क के संपादक के रूप में, प्रस्तुत प्रतिलेख से पता चलता है कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएं लागू की जा रही हैं। 'मेडल लाओ नौकरी पाओ' नीति के तहत, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सीधे नौकरी दी जा रही है। पिछले साल 77 लोगों को स्पोर्ट्स कोटा में नौकरी मिली, जिसमें 17-18 लोग सब-इंस्पेक्टर बने। इस सितंबर महीने के अंत तक 88 और लोगों को नौकरी मिलने वाली है। इसके अतिरिक्त, एक स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप पॉलिसी भी शुरू की गई है, जिसमें 'प्रेरणा' (ग्रासरूट स्तर के लिए ₹3 लाख सालाना), 'सक्षम' (राज्य और राष्ट्रीय स्तर के मेडलिस्ट के लिए ₹5 लाख सालाना), और 'उड़ान' (अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के लिए ₹20 लाख सालाना) शामिल हैं, जिससे वे विदेश में भी प्रशिक्षण ले सकें। पंचायती स्तर पर स्पोर्ट्स क्लब भी शुरू किए गए हैं। बड़े स्टेडियम बनाने के बजाय, मनरेगा के सहयोग से हर पंचायत में खेल मैदान बनाए जा रहे हैं, जहाँ फुटबॉल या बास्केटबॉल जैसे खेलों के लिए सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एशिया कप और वर्ल्ड कप क्वालीफायर पर भी चर्चा हुई, जिसमें पाकिस्तान की भागीदारी के बिना भी टूर्नामेंट के महत्व पर जोर दिया गया।

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एक प्रमुख हिंदी टीवी समाचार नेटवर्क के संपादक के रूप में, प्रस्तुत प्रतिलेख से पता चलता है कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएं लागू की जा रही हैं। 'मेडल लाओ नौकरी पाओ' नीति के तहत, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सीधे नौकरी दी जा रही है। पिछले साल 77 लोगों को स्पोर्ट्स कोटा में नौकरी मिली, जिसमें 17-18 लोग सब-इंस्पेक्टर बने। इस सितंबर महीने के अंत तक 88 और लोगों को नौकरी मिलने वाली है। इसके अतिरिक्त, एक स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप पॉलिसी भी शुरू की गई है, जिसमें 'प्रेरणा' (ग्रासरूट स्तर के लिए ₹3 लाख सालाना), 'सक्षम' (राज्य और राष्ट्रीय स्तर के मेडलिस्ट के लिए ₹5 लाख सालाना), और 'उड़ान' (अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के लिए ₹20 लाख सालाना) शामिल हैं, जिससे वे विदेश में भी प्रशिक्षण ले सकें। पंचायती स्तर पर स्पोर्ट्स क्लब भी शुरू किए गए हैं। बड़े स्टेडियम बनाने के बजाय, मनरेगा के सहयोग से हर पंचायत में खेल मैदान बनाए जा रहे हैं, जहाँ फुटबॉल या बास्केटबॉल जैसे खेलों के लिए सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एशिया कप और वर्ल्ड कप क्वालीफायर पर भी चर्चा हुई, जिसमें पाकिस्तान की भागीदारी के बिना भी टूर्नामेंट के महत्व पर जोर दिया गया।

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