भारत के कप्तान शुभमन गिल ने हाल ही में इंडिया बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में इस्तेमाल हो रही ड्यूक्स बॉल को लेकर शिकायत की थी। गिल का कहना था कि ड्यूक्स बॉल बहुत जल्दी सॉफ्ट हो रही है, जिससे गेंदबाजों को मदद नहीं मिल पा रही है। इस सीरीज में रनों का अंबार लगा है, पहले इंग्लैंड ने बड़े स्कोर बनाए और फिर भारत ने एक टेस्ट मैच में 1000 रन बनाए और 336 रनों से जीत हासिल की। ड्यूक्स बॉल के मैन्युफैक्चरर और भारतीय मूल के बिजनेसमैन दिलीप जजोड़िया ने इस शिकायत पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट गेंदों को लेकर हमेशा आलोचना होती रहती है, चाहे वह ड्यूक्स हो, एसजी हो या कूकाबूरा। उन्होंने यह भी बताया कि गेंदें प्राकृतिक कच्चे माल से बनती हैं, इसलिए हर बार 100% परफेक्ट गेंद बनाना संभव नहीं है। जजोड़िया ने कहा कि आज के समय में बल्ले काफी मजबूत और शक्तिशाली हो गए हैं और खिलाड़ी भी काफी ताकतवर हो गए हैं। उन्होंने शुभमन गिल का उदाहरण देते हुए कहा कि गिल छक्के मारने के लिए नहीं जाने जाते, फिर भी वह इस सीरीज में छक्के मार रहे थे। उन्होंने बताया कि जब गेंद को इतनी जोर से मारा जाता है और वह पिलर्स या स्टैंड्स में जाकर लगती है, तो उसका आकार बिगड़ना स्वाभाविक है। दिलीप जजोड़िया ने यह भी चेतावनी दी कि अगर वे बहुत हार्ड बॉल बनाते हैं, तो "बल्ले भी तोड़ सकती है वो बॉल"। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि खेल के नियमों के अनुसार गेंद को 80 ओवर तक चलना होता है और 20 ओवर के बाद अचानक गेंद बदलने की मांग नहीं की जा सकती, जब तक कि उसमें कोई वास्तविक खराबी न हो। गेंदबाजों के लिए इस सीरीज में विकेट लेना मुश्किल हो गया है, और गिल ने खुद डबल सेंचुरी और 150 रन बनाए हैं।
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