कोहली के 133* रन की पारी के बावजूद 2012 में क्यों फाइनल से बाहर हुआ था भारत? जानिए पूरी कहानी

इस खास रिपोर्ट में, 28 फरवरी 2012 को होबार्ट में खेली गई विराट कोहली की 133 रनों की अविस्मरणीय पारी का विश्लेषण है, जिसने भारतीय क्रिकेट को एक नया सुपरस्टार दिया. रिपोर्ट के अनुसार, जब टीम के कप्तान एमएस धोनी से बोनस पॉइंट के समीकरण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने हैरान होकर कहा था, 'कैसे?'. इस पारी की पृष्ठभूमि में भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन, धोनी पर कोहली को टीम से बाहर करने का दबाव और फिर कप्तान का उन पर विश्वास दिखाना शामिल है. श्रीलंका के 320 रनों के विशाल स्कोर के जवाब में भारत को फाइनल की उम्मीदें जिंदा रखने के लिए 40 ओवरों में लक्ष्य हासिल करना था. गौतम गंभीर (63) और सुरेश रैना (40) के अहम योगदान के साथ कोहली की तूफानी पारी ने भारत को सिर्फ 36.4 ओवरों में ही अविश्वसनीय जीत दिला दी. हालांकि, इस जीत के बावजूद भारतीय टीम फाइनल में अपनी जगह नहीं बना पाई थी.

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इस खास रिपोर्ट में, 28 फरवरी 2012 को होबार्ट में खेली गई विराट कोहली की 133 रनों की अविस्मरणीय पारी का विश्लेषण है, जिसने भारतीय क्रिकेट को एक नया सुपरस्टार दिया. रिपोर्ट के अनुसार, जब टीम के कप्तान एमएस धोनी से बोनस पॉइंट के समीकरण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने हैरान होकर कहा था, 'कैसे?'. इस पारी की पृष्ठभूमि में भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन, धोनी पर कोहली को टीम से बाहर करने का दबाव और फिर कप्तान का उन पर विश्वास दिखाना शामिल है. श्रीलंका के 320 रनों के विशाल स्कोर के जवाब में भारत को फाइनल की उम्मीदें जिंदा रखने के लिए 40 ओवरों में लक्ष्य हासिल करना था. गौतम गंभीर (63) और सुरेश रैना (40) के अहम योगदान के साथ कोहली की तूफानी पारी ने भारत को सिर्फ 36.4 ओवरों में ही अविश्वसनीय जीत दिला दी. हालांकि, इस जीत के बावजूद भारतीय टीम फाइनल में अपनी जगह नहीं बना पाई थी.

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