Ayush Shinde 419 runs: मुंबई के बल्लेबाज ने रिकॉर्ड बना दिया है. हम यहां 15 साल के आयुष शिंदे की बात कर रहे हैं जिन्होंने सोमवार को मुंबई के क्रॉस मैदान में अंडर-16 हैरिस शील्ड में जनरल एजुकेशन एकेडमी के लिए नाबाद 419 रन बनाए. इस बल्लेबाज ने पारले तिलक विद्या मंदिर के खिलाफ ये स्कोर ठोका. इस स्कोर के साथ आयुष ने लड़कों के अंडर-16 टूर्नामेंट में चौथे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी के रूप में रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया. आयुष ने अपनी शानदार पारी के बाद कहा कि, “मैं 500 रन बनाना चाहता था, लेकिन हमारी टीम के ओवर खत्म हो गए. मैं खुश हूं, लेकिन मुझे अभी लंबा रास्ता तय करना है. मेरा पहला लक्ष्य मुंबई की अंडर 16 टीम में जगह बनाना है. मुझे पता है कि मुंबई के लिए खेलने के लिए मुझे लगातार ऐसे बड़े रन बनाने होंगे. मैं रोहित शर्मा और विराट कोहली का बहुत बड़ा फैन हूं. मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं भी भारत के लिए खेलूंगा,”
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विराट और रोहित हैं रोल मॉडल
आयुष ने अपनी पारी का पूरा श्रेय अपने पिता को दिया. आयुष के पिता सुनील, जो सतारा में टेनिस बॉल क्रिकेटर हैं, उन्होंने अपने बेटे की क्रिकेट में गहरी दिलचस्पी के बाद एक दशक पहले मुंबई में बसने का फैसला किया. अब वह नवी मुंबई के कमोठे में एक छोटी सी दुकान चलाते हैं, जहां वह एक कारीगर के रूप में काम करते हैं.
बेटे की पारी के बाद सुनील ने कहा कि
“जब वह छह साल का था तब उसने क्रिकेट में दिलचस्पी दिखानी शुरू की. टेनिस बॉल क्रिकेटर होने के नाते, हमने सोचा कि चलो मुंबई चले जाते हैं. मेरा काम कौशल-आधारित है, इसलिए मैं कहीं भी काम कर सकता हूं. हम नवी मुंबई आ गए और किराए के घर में रहने लगे,” शिंदे ने 152 गेंदों पर नाबाद 419 रनों की पारी खेली, जिसमें 43 चौके और 24 छक्के शामिल थे. उनकी पारी की बदौलत उनकी टीम ने पार्ले तिलक को 464 रनों से हराया.''
घर पर प्रैक्टिस के दौरान आयुष ने तोड़े हैं तीन टीवी
सुनील कहते हैं कि पिछले सीजन में उनका बेटा और भी जिद्दी हो गया था, जब उसे मुंबई अंडर-14 टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. “उसे चार मैचों के लिए बेंच पर बैठाया गया था और मौका न मिलने से वह बहुत दुखी था. पिछले सीजन में हैरिस शील्ड में वह सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज था, लेकिन फिर भी उन्हें मौका नहीं मिला. वह अपने कोच से शिकायत करता था कि उसे मौका क्यों नहीं मिल रहा.
इसके जवाब में कोच कहते थे कि, 'अधिक रन बनाओ'. ऐसे में यह बात उसके दिमाग में बैठ गई. अब वह 500 रन बनाना चाहता है. आयुष कोच से कहता था कि, '100-200 रन बनाने के बावजूद मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ तो अब मैं 500 रन बनाऊंगा'. कई युवाओं की तरह आयुष का सपना एक दिन भारत के लिए खेलना है. उनके पिता कहते हैं कि वह जुनूनी है. वह अपनी प्रैक्टिस नहीं छोड़ता. उन्होंने आगे कहा कि, आयुष ने घर पर अभ्यास करते हुए 3 टीवी तोड़ दिए हैं. कभी-कभी, अगर हम अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रहे होते हैं, तो वह कहता है कि तुम जाओ, मैं अपना अभ्यास करूंगा. वह अपने बल्ले के साथ सोता है. वह जुनूनी है और मैं चाहता हूं कि वह वह हासिल करे जो वह चाहता है."
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