मेजबान भारत और सीरिया सोमवार को इंटरकांटिनेंटल कप ट्रॉफी के तीसरे और अंतिम मैच में जब आमने-सामने होंगे तो जीत दर्ज करने वाली टीम के सिर खिताबी ताज सजेगा. भारत ने टूर्नामेंट के अपने शुरूआती मैच में मॉरीशस के खिलाफ गोलरहित ड्रॉ खेला था, जबकि सीरिया ने इस टीम के खिलाफ शुक्रवार को 2-0 से जीत दर्ज की थी.
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गत चैम्पियन भारत को खिताब का बचाव करने के लिए इस मुकाबले में जीत की जरूरत होगी, जबकि सीरिया इस मैच के ड्रॉ छूटने पर भी चैम्पियन बन जायेगा. सीरिया का भारत में टूर्नामेंट खेलने का एक लंबा इतिहास है, लेकिन खिताब हमेशा उनसे दूर रहा है. पश्चिम एशियाई 2007 और 2009 में लगातार नेहरू कप फाइनल में भारत से हार गई थी. टीम 2012 में चौथे स्थान पर थी.
नवंबर से जीत का इंतजार
टीम 2019 इंटरकांटिनेंटल कप में भारत के अपने पिछले दौरे में तीसरे स्थान पर रही थी. पिछले साल नवंबर से जीत का इंतजार कर रही भारतीय टीम के लिए सीरिया की चुनौती को ध्वस्त करना आसान नहीं होगा. शनिवार को अपना 56वां जन्मदिन मनाने वाले भारतीय कोच मानोलो मार्केज ने कहा-
यह दोनों टीमों के लिए एक मुश्किल मैच होगा. यह एक दोस्ताना मैच की तरह है, लेकिन जो टीम इसे जीतेगी वह ट्रॉफी की हकदार बनेगी. हमें उम्मीद है कि हम अच्छा खेलेंगे और टूर्नामेंट जीतेंगे.
कोच ने कहा कि राष्ट्रीय टीम के लिए अच्छी फुटबॉल खेलना समय की मांग है और इससे अनुकूल परिणाम आयेंगे. उन्होंने कहा-
अगर आप मुझसे पूछें, तो मैं टूर्नामेंट जीतने के बजाय अच्छा खेल खेलना पसंद करूंगा. मैं इसे 1-0 के स्कोर के साथ जीतने की जगह यह चाहता हूं कि खिलाड़ी टीम की रणनीति को समझे और बेहतर खेल दिखाये. यह जीत या हार के बारे में नहीं है.