हॉकी इंडिया ने अपने सीनियर कोर ग्रुप के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. सरकारी संस्थानों या सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) के उपक्रमों में नौकरी हासिल नहीं करने वाले पुरुष और महिला सीनियर कोर ग्रुप के संभावित खिलाड़ियों को दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की रविवार को घोषणा की. यह निर्णय यहां हॉकी इंडिया की एजीएम के दौरान लिया गया.
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हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा कि यह फैसला महासंघ के संज्ञान में लाए जाने के बाद लिया गया कि संभावित खिलाड़ियों के मुख्य समूह में शामिल किये गये कुछ नए खिलाड़ी बेरोजगार हैं.
हॉकी इंडिया से जारी बयान में टिर्की ने कहा-
अधिकांश हॉकी खिलाड़ियों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनके प्रदर्शन के लिए पीएसयू और सरकारी विभागों द्वारा मान्यता मिलती है जो नौकरियां प्रदान करते हैं. हमें हालांकि पता चला है कि सीनियर कोर समूह में कुछ नए खिलाड़ी, विशेष रूप से महिला खिलाड़ी बेरोजगार हैं.
भारतीय टीम के इस पूर्व कप्तान ने कहा-
हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड ने लखनऊ में एजीएम के दौरान बेरोजगार खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता के तौर पर हर साल दो लाख रुपये का अनुदान देने का फैसला लिया है, ताकि उनके परिवारों को गुजारा करने के लिए संघर्ष न करना पड़े.
बैठक में जमीनी स्तर पर आगामी प्रतियोगिताओं और विकास कार्यक्रमों पर चर्चा के अलावा, राष्ट्रीय सीनियर और जूनियर पुरुष और महिला टीमों द्वारा की गई प्रगति पर भी चर्चा की गयी. एजीएम ने खेल को और बढ़ावा देने के लिए कोच की शिक्षा और पूर्व हॉकी खिलाड़ियों को विभिन्न भूमिकाओं में तैनात करने पर भी ध्यान केंद्रित किया.
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा-
हमने आगामी हॉकी इंडिया लीग पर भी चर्चा की और हम आने वाले सप्ताहों में कुछ रोमांचक घोषणाएं करेंगे.