पंजाब में आई बाढ़ ने लाखों लोगों की जिंदगी में उथल पुथल मचा दी है. काफी लोगों के सिर से छत पर उजड़ गई है. घर बाढ़ में बह गया. लोग टेंट में रहने पर मजबूर हैं. ना खाने का ठिकाना है और ना ही पीने के पानी का. सरकार भी बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद कर रही है. सेलिब्रिटीज भी हर संभव मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. अब भारत के स्टार हॉकी खिलाड़ी हार्दिक सिंह पंजाब बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए आगे आए और उन्होंने एक परिवार को गोद लिया है.
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पिछले सप्ताह भारत को एशिया कप 2025 का खिताब जिताने में बड़ा योगदान देने वाले हार्दिक सिंह ने अपनी सारी मैच फीस और टूर्नामेंट की लाखों की इनामी राशि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए देने का फैसला किया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 26 साल के हार्दिक ने अजनाला के एक गांव रामदास में चार लोगों के एक परिवार को गोद लिया हैं. हार्दिक ने कहा कि वह गुरशन सिंह, उनकी मां और दो बच्चों के घर को वापस से बसाने में मदद करेंगे, जो बाढ़ में तबाह हो गया था, जिसमें फर्नीचर, पंखे और यहां तक कि एक टेलीविजन भी खरीदना शामिल है. वह बीते दिन जब पहली बार उस परिवार से मिले, तो वह परिवार बाढ़ में तबाह हो चुके अपने घर से 60 मीटर दूर एक टैंट में रह रहे थे.
हार्दिक ने कहा-
दोनों छोटे बच्चों के सिर पर छत नहीं थी. जब मैं उनके घर पहुंचा तो गुरशन सेवा के लिए कहीं और गए हुए थे. अगर मेरे साथ ऐसा कुछ होता तो मैं घर पर बैठकर यही रोता कि मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ, लेकिन यह देखना बहुत प्रेरणादायक था कि अपना घर तबाह होने के बावजूद गुरशान दूसरों की मदद के लिए आगे आ रहे थे.
हार्दिक का कहना है कि एशिया कप में बिजी होने के दौरान भी उन्होंने सोशल मीडिया पर रील्स के जरिए अपने राज्य की स्थिति पर लगातार नजर रखी थी. जीत के बाद घर पहुंचने के बाद स्टार मिडफील्डर ने खुद गाड़ी चलाकर जरूरतमंदों की मदद करने का फैसला किया. हार्दिक ने कहा-
कई किलोमीटर तक लोग सड़कों पर टैंट में सो रहे हैं. खाने-पीने जैसी बुनियादी जरूरतों तक उनकी पहुंच सीमित है.
गुरशन और उनके परिवार के बारे में हार्दिक को एक एनजीओ के जरिए पता चला था. हार्दिक ने कहा-
उनके ज़रिए मैं इस परिवार से मिला, जिसके पास कुछ भी नहीं बचा था. पिछले 10 दिनों से वे अपने घर से 60 मीटर दूर एक तंबू में सो रहे हैं. कोई उन्हें एक दिन खाना देता है, तो कोई उन्हें दूसरी बुनियादी सुविधाओं में मदद करता है. उनके पास ना तो आय का कोई सोर्स है और ना ही अपनी ज़िंदगी फिर से शुरू करने के लिए कोई और संसाधन. मैं सोच भी नहीं सकता कि वे किस दौर से गुजर रहे होंगे.
हार्दिक ने कहा कि उन्हें मिलने वाली इनामी राशि गुरशन और उसके परिवार की मदद के लिए इस्तेमाल की जाएगी. उनका कहना है कि वह उस इनामी राशि से घड़ी या ऐसा ही कुछ खरीद लेते, लेकिन अगर वह किसी के जीवन में थोड़ा-सा भी बदलाव ला पाएं, तो उन्हें ज्यादा संतुष्टि मिलेगी.
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