भारतीय हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद ने कहा कि पेरिस ओलिंपिक 2024 में सेमीफाइनल में हार के बाद वे पूरी रात नहीं सो सके. यह मैच रातभर उनके दिमाग में किसी रील की तरह चलता रहा. भारत को सेमीफाइनल में जर्मनी ने करीबी मुकाबले में 3-2 से मात दी थी. हालांकि बाद में टीम इंडिया ने इस निराशा से उबरते हुए स्पेन को हराकर लगातार दूसरे ओलिंपिक में कांस्य पदक जीता. भारत ने इससे पहले टोक्यो में जर्मनी को मात देकर कांसा हासिल किया था. हालांकि उसके हाथ से 44 साल बाद फाइनल खेलने का मौका निकल गया.
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विवेक ने फ्रांस से लौटने के बाद पेरिस ओलिंपिक में टीम के प्रदर्शन को लेकर कहा, 'मैं पूरी रात सो नहीं सका. मेरे दिमाग में वह मैच किसी रील की तरह चलता रहा. हमारा दिल टूटा हुआ था और बार-बार यही सोच रहे थे कि हम लोग क्या बेहतर कर सकते थे. हमने इस पर पार पाई और कांस्य जीता.' विवेक तीन साल पहले टोक्यो में कांसा जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा भी थे.
श्रीजेश को समर्पित किया मेडल
भारत ने टोक्यो और पेरिस में लगातार मेडल जीतने से पहले आखिरी बार 1968 व 1972 के एडिशन में लगातार दो मेडल जीते थे. तब भी उसके नाम कांस्य रहे थे. मध्य प्रदेश के रहने वाले विवेक ने कहा,
हमारे लिए कांस्य पदक जीतना खुशियों का पल था. हमने इसका काफी आनंद लिया. हमने यह मेडल (पीआर) श्रीजेश भाई को समर्पित किया क्योंकि यह उनका आखिरी टूर्नामेंट था.
विवेक मध्य प्रदेश पुलिस में डेप्युटी सुपरिटेंडेंट हैं. दिल्ली में जब वह आए तो उनका स्वागत करने के लिए राज्य के खेल मंत्री विश्वास सारंग मौजूद थे. एमपी सरकार ने उन्हें एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. सारंग ने कहा, 'विवेक कांसा लेकर आया है और उसने पूरे देश और एमपी को गौरवान्वित किया है. हम विवेक को सम्मानित करने के लिए फंक्शन आयोजित करेंगे और एक करोड़ रुपये सौपेंगे.'
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