Asian games: भारत का 41 साल का इंतजार खत्‍म, एचएस प्रणॉय ने दिलाया ऐतिहासिक मेडल

एचएस प्रणॉय ने भारत को 1982 के बाद बैडमिंटन में मैंस सिंगल्‍स में पहला मेडल दिलाया. 41 साल पहले सैयद मोदी ने एशियाड में भारत को मेडल दिलाया था. 

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एचएस प्रणॉय ने जीता ब्रॉन्‍ज

एचएस प्रणॉय ने जीता ब्रॉन्‍ज

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एचएस प्रणॉय ने रचा इतिहास

चीन शीफेंग ने एक बार फिर भारत का दिल तोड़ दिया. टीम इवेंट में श्रीकांत के बाद ली शीफेंग ने सिंगल्‍स में एचएस प्रणॉय को हरा दिया. प्रणॉय को सेमीफाइनल में  21-16, 21-9 से हार का सामना करना पड़ा. सेमीफाइनल में हार के बावजूद प्रणॉय इतिहास रचने में सफल रहे. प्रणॉय में सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही भारत का मेडल पक्‍का कर दिया था. प्रणॉय को ब्रॉन्‍ज से संतोष करना पड़ा. 

 

हालांकि इस ब्रॉन्‍ज ने भारत का चार दशकों का इंतजार खत्‍म कर दिया. भारत ने 41 साल के इंतजार के बाद एशियन गेम्‍स में बैडमिंटन सिंगल्‍स में कोई मेडल जीता. उनसे पहले एशियाड में 1982 में सैयद मोदी ने ब्रॉन्‍ज जीता था. प्रणॉय ने दर्द में भारत को मेडल दिलाया. दरअसल क्‍वार्टर फाइनल में भी वो चोट के दर्द से परेशान आए थे, मगर इसके बावजूद वो लड़ते रहे और सेमीफाइनल में जगह बनाकर भारत का मेडल पक्‍का किया. 

 

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दर्द में खेला सेमीफाइनल

 

सेमीफाइनल में भी प्रणॉय पूरी तरह से फिट नहीं थे. दर्द में वो सेमीफाइनल खेलने उतरे, मगर शीफेंग की चुनौती को पार नहीं कर पाए. चोट की वजह से प्रणॉय भारत के लिए टीम इवेंट का गोल्‍ड मेडल मैच नहीं खेल पाए थे. जिसका भारत को नुकसान हुआ. ऐसे में श्रीकांत के सामने शीफेंग थे. 

 

भारत से छीना गोल्‍ड

 

भारत टीम इवेंट में गोल्‍ड मेडल से सिर्फ एक जीत दूर था. फाइनल में लक्ष्‍य सेन और फिर सात्विकसाईंराज और चिराग की जोड़ी ने अपने-अपने मुकाबले जीतकर  भारत को 2-0 से बढ़त दिला दी थी. तीसरे मैच में श्रीकांत कोर्ट पर उतरे. भारत को सिर्फ एक मैच और जीतना था, मगर शीफेंग ने श्रीकांत को हरा दिया. इसके बाद तो चीन ने आखिरी के दोनों मैच जीतकर भारत से गोल्‍ड छीन लिया था.   

 

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