Asia Cup : 1986 में भारत और 1990 में पाकिस्तान ने क्यों किया था एशिया कप का बॉयकॉट, जानें वजह
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एशिया कप 2023 के आयोजन को लेकर भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड के बीच करीब एक साल तक खींचतान चली. जिसके बाद ये रास्ता निकाला गया कि पाकिस्तान की मेजबानी वाले वनडे फॉर्मेट के एशिया कप 2023 को हाइब्रिड मॉडल के आधार पर कराया जाएगा. इसके अंतर्गत चार मैच पाकिस्तान में जबकि 9 मैच श्रीलंका में खेले जाने हैं. जिसकी शुरुआत 31 अगस्त से होगी और 17 सितंबर को अंतिम मुकाबला खेला जाएगा. इस तरह ऐसा पहली बार नहीं है जब एशिया कप का बॉयकॉट किया गया है. इससे पहले भी दो बार भारत और पाकिस्तान एशिया कप का बॉयकॉट कर चुके हैं.
जब भारत ने किया बॉयकॉट
दरअसल, एशिया कप की शुरुआत 1984 में हुई थी. इस टूर्नामेंट को दक्षिण एशियाई मुल्कों में सभी देशों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने के लिए किया गया था. पहला एडिशन शारजाह में खेला गया और भारत ने इसमें जीत हासिल की थी. इसके बाद 1986 में दूसरा एडिशन श्रीलंका में खेला जाना था. लेकिन श्रीलंका में उस समय जारी गृह युद्ध के कारण भारत ने एशिया कप का बॉयकॉट किया था. जबकि भारत सरकार भी टीम इंडिया के खिलाड़ियों की सुरक्षा के चलते जोखिम नहीं लेना चाहती थी. इस एडिशन में श्रीलंका ने खिताब हासिल किया था.
पाकिस्तान ने 1990 में भी किया था बॉयकॉट
1990 में एशिया कप का चौथा एडिशन भारत में खेला जाना था. जिस पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इसका बॉयकॉट किया था. क्यों भारत और पाकिस्तानके बीच राजनीतिक संबन अच्छे नहीं थे. जिसका परिणाम ये रहा कि साल 1993 एशिया कप को रद्द तक कर दिया गया था. अब एशिया कप का 16वां एडिशन पाकिस्तान और श्रीलंका में खेला जाएगा. टीम इंडिया अभी तक सबसे अधिक सात बार जहां इसका खिताब अपने नाम कर चुकी है. वहीं 6 बार श्रीलंका ने जीत हासिल की है. जबकि दो बार पकिस्तान की टीम ने भी खिताबी जीत हासिल की है.
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