वर्ल्ड कप 2023 का आगाज फीके अंदाज में हुआ. इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में स्टेडियम खाली रहा. बहुत कम दर्शक मैदान में मैच देखने के लिए पहुंचे. अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की क्षमता 1.32 लाख दर्शकों की है. लेकिन इंग्लैंड-न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप मुकाबले में इंग्लिश टीम की बैटिंग के दौरान बड़ी मुश्किल से 10-12 हजार के करीब दर्शक स्टेडियम में मौजूद रहे. ऐसे में बीसीसीआई निशाने पर आ गया. उसकी वर्ल्ड कप शेड्यूलिंग और मैच को अहमदाबाद जैसे बड़े स्टेडियम में कराने पर सवाल खड़े हो गए. 1996 के बाद पहली बार है जब वर्ल्ड कप के उद्घाटन मैच में कोई मेजबान देश नहीं खेल रहा.
इस बार वर्ल्ड कप के पहले मुकाबले में पिछले एडिशन के फाइनलिस्ट इंग्लैंड और न्यूजीलैंड खेल रहे हैं. इसमें जॉस बटलर, जॉनी बेयरस्टो, मोईन अली, लियम लिविंगस्टन, डेवॉन कॉन्वे, मार्क वुड, जो रूट जैसे सितारे खेले रहे हैं. इन्हें भारतीय दर्शक न केवल अच्छे से जानते हैं बल्कि इनके खेल को पसंद भी करते हैं. आईपीएल में इनको काफी चीयर किया जाता है. लेकिन फिर भी दर्शक वर्ल्ड कप ओपनर देखने नहीं आए. हालांकि यह एक तथ्य है कि भारत के इतर दूसरी टीमों के मुकाबले देखने के लिए स्थानीय दर्शकों की रुचि कम रहती है. भारत का मैच होने पर दर्शकों की मौजूदगी ज्यादा रहती.
किन वजहों से पहले इंग्लैंड-न्यूजीलैंड मैच में दर्शकों की रही कमी?
यह मुकाबला गुरुवार के दिन हो रहा है जब कोई छुट्टी है. ऐसे में लोग अलग-अलग कामों में व्यस्त रहते हैं. आमतौर पर देखा जाता है कि टूर्नामेंट की शुरुआत सप्ताह के अंत में शनिवार और रविवार को होती है. तब छुट्टी के चलते बड़ी संख्या में दर्शक जुटते हैं. इस बार वर्ल्ड कप शेड्यूल देरी से जारी हुआ था. बाद में इसमें बदलाव भी हुआ. इससे विदेशी दर्शकों को टिकट बुकिंग में दिक्कतें हुई. इसके अलावा टिकट बुकिंग के लिए भी बहुत कम सीटें आम लोगों के लिए खोली गई थी. अहमदाबाद में दोपहर के समय गर्मी रहती है. इस वजह से कई दर्शक शाम के समय मैदान में पहुंचते हैं. 50 ओवर क्रिकेट का एक मुकाबला तकरीबन आठ घंटे तक चलता है. इस फॉर्मेट में दर्शकों की रुचि भी कम हुई है. पहले मैच में दर्शकों की कमी की यह प्रमुख वजहें हैं.
सहवाग ने दर्शकों की कम संख्या पर क्या कहा
दर्शकों की कम संख्या को लेकर वीरेंद्र सहवाग से लेकर इंग्लिश क्रिकेटर डानी वायट ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी. सहवाग का कहना था कि शाम के समय दर्शक बढ़ सकते हैं. वैसे भारत के अलावा दूसरी टीमों के मैचों में फ्री टिकटें बांटी जानी चाहिए जो स्कूल-कॉलेज के बच्चों को देनी चाहिए. वायट ने दर्शकों की कमी को लेकर सवाल किया. कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने इस मसले पर बीसीसीआई को घेरा. उन्होंने भारतीय बोर्ड की प्लानिंग को कटघरे में खड़ा किया.
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