भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरा टेस्ट 27 सितंबर से कानपुर में खेला जाएगा. यह मुकाबला काली मिट्टी की बनी पिच पर होगा. इस पर गेंदबाजों को उछाल कम मिलने की संभावना जताई गई है. यह भी कहा जा रहा है कि कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम की पिच पूरी तरह से टर्निंग ट्रेक भी नहीं होगा. यानी स्पिनर्स को विकेट निकालने के लिए मेहनत करनी होगी. कानपुर टेस्ट की पिच चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट से पूरी तरह अलग होगी. चेपॉक में लाल मिट्टी की पिच थी जिस पर काफी उछाल था. तेज गेंदबाजों को इस पर काफी मदद मिली थी और दोनों टीमों ने तीन-तीन तेज गेंदबाज खिलाए थे.
चेपॉक की तुलना में कानपुर टेस्ट की पिच सपाट होगी. यहां पर उछाल कम होगा और जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा वैसे ही पिच धीमी होते जाएगी. यह बहुत हद तक वैसी ही पिच होगी जो तीन साल पहले भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट के दौरान थी. तब स्पिनर्स को मदद मिली थी लेकिन विकेट निकालना आसान नहीं था. वह टेस्ट पांच दिन तक चला था और ड्रॉ रहा था. स्लो पिच पर भारत और बांग्लादेश दोनों को ही प्लेइंग इलेवन में बदलाव करना पड़ सकता है. तीसरे तेज गेंदबाज की जगह स्पिनर को शामिल किया जा सकता है. इसका मतलब है कि भारत कुलदीप यादव या अक्षर पटेल में से किसी को खिला सकता है. वहीं बांग्लादेश ताइजुल इस्लाम के साथ जा सकता है.
2021 में भारत ने कानपुर टेस्ट में खिलाए थे तीन स्पिनर
भारत ने 2021 में कानपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट में आर अश्विन, रवींद्र जडेजा और अक्षर के रूप में तीन फिरकी बॉलर खिलाए थे. तब श्रेयस अय्यर ने भारत के लिए पहली पारी में शतक लगाया था. फिर दूसरी पारी में फिफ्टी मारी थी. वहीं न्यूजीलैंड की ओर से टॉम लैथम ने दोनों पारियों में अर्धशतक लगाया था. उन्होंने शानदार तरीके से भारतीय स्पिनर्स को खेला था. भारत आखिरी दिन के खेल में जीत से केवल एक विकेट दूर रहा था. इससे पहले 2016 में भी कानपुर में भारत और न्यूजीलैंड ही टकराए थे. इसमें भारतीय टीम ने जीत दर्ज की थी.
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