पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने टीम के तेज गेंदबाज हारिश रऊफ पर अपनी राय दी है. विवाद को देखते हुए इंजमाम ने रऊफ का साथ दिया. इंजमाम वही खिलाड़ी हैं जिन्होंने साल 1997 में सहारा कप के दौरान एक फैन को बल्ले से मारने की कोशिश की थी. इस दौरान भारत और पाकिस्तान का मुकाबला चल रहा था. इंजमाम को फैन पर इसलिए गुस्सा आ गया था क्योंकि वो फैन बार बार इंजी को आलू- आलू कहरकर बुला रहा था.
54 साल के पूर्व खिलाड़ी ने अब रऊफ मामले पर कहा कि जो भी हुआ सही नहीं हुआ. मुझे पता चला है कि ये सबकुछ फोटो को लेकर हुआ. एक फैन ने रऊफ से फोटो की मांग की लेकिन रऊफ ने मना कर दिया. रऊफ अपने परिवार के साथ थे. ये कोई बड़ी बात नहीं है. आप कभी भी किसी को मना कर सकते हो और यही कारण है कि फैन गुस्सा हो गया.
इंजमाम ने आगे कहा कि उस दौरान उनकी पत्नी उनके साथ थीं. और अगर कोई किसी के परिवार को लेकर कुछ कहता है तो आपको ये पता होना चाहिए की रऊफ भी एक इंसान हैं और उनके भी इमोशन हैं. वो मैच हार गए इसका मतलब ये हनीं कि उनकी जिंदगी खत्म हो चुकी है. फैंस को ये सबकुछ पता होना चाहिए. अगर उन्होंने फोटो खिंचवाने से मना कर दिया तो ये कोई गुनाह नहीं है. अगर रऊफ को इतना गुस्सा आया है तो जरूर फैन ने कुछ कहा होगा.
इंजमाम ने साफ कहा कि फैंस को अपने इमोशन काबू में रखने चाहिए और किसी भी खिलाड़ी पर पर्सनल अटैक नहीं करना चाहिए.
रऊफ की सफाई
बता दें कि रऊफ ने इस मामले के बाद एक्स पर कहा कि, मैं इसे सोशल मीडिया पर नहीं लाना चाहता था लेकिन अब जब वीडियो बाहर आ चुका है तो मुझे लगता है कि इस स्थिति पर जवाब देना जरूरी है. एक सार्वजनिक हस्ती के तौर पर हमें लोगों के सभी तरह के फीडबैक का सामना करना होता है. वे हमारा समर्थन या आलोचना करने के हकदार हैं. लेकिन जब बात मेरे माता-पिता और मेरे परिवार की बात आती है तो मैं उसी हिसाब से जवाब देने में नहीं हिचकूंगा. लोगों और उनके परिवार के प्रति आदर-सम्मान जताना जरूरी है फिर चाहे किसी का कोई पेशा हो.
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