भारतीय क्रिकेट में कई कई सितारे आए और कई गए, लेकिन कुछ ने ऐसी पहचान बनाई जिसे दुनिया कभी नहीं भुला सकती. इसी में एक नाम सलीम दुर्रानी (Salim Durani) का भी है. सलीम दुर्रानी 1960 दशक के वो क्रिकेटर थे जिन्होंने अपनी आतिशी बल्लेबाजी से अलग पहचान बना ली थी. दुर्रानी अफगानिस्तान में जन्म लेने वाले पहले टेस्ट क्रिकेटर थे. 2 अप्रैल 2023 को दुर्रानी का निधन हो गया. ऐसे में पूर्व क्रिकेटर्स से लेकर फैंस हर कोई इस दिग्गज को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दे रहा है. इस खिलाड़ी को एक कंप्लीट क्रिकेटर माना जाता था. सलीम एक स्टाइलिश और हैंडसम क्रिकेटर थे और उस दौरान उनका नाम टाइगर पटौदी, फारुख इंजीनियर, एमएल जयसिम्हा और अब्बाल अली के साथ आता था.
अफगानिस्तान में हुए पैदा
सलीम दुर्रानी का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था और वो भारत के पहले ऐसे क्रिकेटर थे जिन्हें अर्जुन अवॉर्ड मिला था. 1961 में ही उन्हें ये अवॉर्ड मिल चुका था लेकिन वो इसे लेना भूल गए. हालांकि 47 साल बाद 2008 में उन्होंने ये सम्मान हासिल किया. अफगानिस्तान में जन्म के बावजूद 13 साल तक वो भारत के लिए क्रिकेट खेलते रहे. उनका करियर छोटा था लेकिन इस दौरान उन्होंने इतनी उपलब्धियां हासिल कर ली जो एक आम क्रिकेटर को करने में सालों लग जाते हैं. साल 1973 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान सलीम को टीम से बाहर कर दिया गया था. ऐसे में दुर्रानी की फैन फॉलोइंग इतनी ज्यादा थी कि पूरे शहर में फैंस ने पोस्टर लगा दिए और मैच को बायकॉट करने की धमकी दे दी. हालांकि उनकी किस्मत ऐसी थी कि वो टीम में आए लेकिन ये टेस्ट उनके करियर का आखिरी टेस्ट साबित हुआ.
स्पिनर को बोलकर लगाया छक्का
इसके अलावा उनके कई ऐसे किस्से थे जिन्हें आज भी याद किया जाता है. मुंबई टेस्ट से पहले इंग्लिश स्पिनर पैट पकोक एक पार्टी में अपनी ऑफ स्पिन की डिंगे हांक रहे थे. दुर्रानी उनके पास गए और बोला तुम्हें ऑफ स्पिन ही नहीं आती. कल देखना मैं तुम्हें ईस्ट स्टैंड में छक्का लगाऊंगा. मैच के दौरान पकोक ने आउट्साइड ऑफ साइड फ्लाइटेडबॉल डाली जिस पर दुर्रानी ने मिड विकेट की तरफ छक्का लगाकर अपनी बात साबित की. फिर कहा- बोला था न तुम्हें ऑफ स्पिन नहीं आती.
एक ट्वीट में सलीम दुर्रानी के धांसू प्रदर्शन की बात कही गई थी और ये भी बताया गया था कि सालों तक भारतीय क्रिकेट को सबकुछ देने के बाद वो कैसे अपनी जिंदगी बिता रहे हैं. इसमें लिखा था कि, 1971 में पोर्ट ऑफ स्पेन में सलीम दुर्रानी ने क्लाइव लॉयड और गैरी सोबर्स को आउट कर मैच का रुख भारत की ओर मोड़ दिया था. वाह, भारतीय क्रिकेट उन पर कितना निर्भर था. उनका परिवार उन्हें मिलने वाली पेंशन पर निर्भर है. आज वे जामनगर में एक किराए के घर में रहते हैं. वह एक भुला दिए गए आइकॉन है.'
गावस्कर बुलाते थे अंकल
सलीम दुर्रानी को टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज ओपनर सुनील गावस्कर अंकल कहकर बुलाते थे. एक बार दोनों श्रीलंका से खेलने गुंटूर जा रहे थे. ट्रेन में सर्दी लगी तब दुर्रानी ने किसी तरह एक तकिया और कम्बल मंगा लिया और वो गावस्कर को दे दिया. दुर्रानी खुद सर्दी से ठिठुरते हुए सोते रहे. तब गावस्कर टीम इंडिया में आए भी नहीं थे.
फैंस की डिमांड पर मारते थे छक्का
दरअसल सलीम अपनी धांसू बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे. दुर्रानी को फैंस बेहद ज्यादा पसंद करते थे. दर्रानी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, वह छक्के तो हमेशा ही मारना चाहते थे. लेकिन इसे वो अपनी किस्मत ही मानते थे कि कोई भी दर्शक जब उन्हें छक्का मारने के लिए कहा करता था, वो इसमें सफल हो जाते थे. और ऐसा कई बार हुआ था.
इंग्लैंड के खिलाफ जीत में दुर्रानी का बड़ा योगदान
इंटरनेशनल लेवल पर दुर्रानी ने अपने प्रदर्शन से भारतीय टीम को कई मैचों में विजयी बनाया. साल 1961-62 में इंग्लैंड की टीम भारत आई थी. सीरीज के अंतिम दो मैचों में दुर्रानी ने अपनी गेंदों से ऐसा कहर बरपाया कि इंग्लैंड की टीम इसे झेल नहीं पाई. दुर्रानी ने 2 टेस्ट में 18 विकेट लेकर आग लगा दी और पहली बार ऐसा हुआ जब भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीत हासिल की.
परवीन बॉबी पर उड़ा दी सारी कमाई
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सलीम ने फिल्म इंडस्ट्री में भी काम किया. वह बॉलीवुड फिल्म 'चरित्र' में भी काम कर चुके थे. इस फिल्म में सलीम के साथ परवीन बॉबी थीं. इसके अलावा सलमान खान जब छोटे थे तब वो सलीम से क्रिकेट के गुर सीखा करते थे. वहीं सलीम को परवीन बॉबी के साथ फिल्म करने के लिए 18 हजार रुपए मिले थे और इस क्रिकेटर ने सारे पैसे परवीन पर उड़ा दिए थे.
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