एमएस धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के साथ खेलते रहने पर कर दिया बड़ा खुलासा, बोले- मैं दो महीने खेलूं और चला जाऊं...

एमएस धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के साथ खेलते रहने पर कर दिया बड़ा खुलासा, बोले- मैं दो महीने खेलूं और चला जाऊं...
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स ने 5 खिताब जीते.

Highlights:

महेंद्र सिंह धोनी 2008 से चेन्नई सुपर किंग्स के साथ हैं.

महेंद्र सिंह धोनी के आईपीएल 2025 में खेलने को लेकर संशय है.

महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल 2024 में बतौर खिलाड़ी चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेले और जैसे ही यह टीम टूर्नामेंट से बाहर हुई वे घर चले गए. अब अटकलें हैं कि वे आगे खेलेंगे या फिर इस सीजन के साथ उनका आईपीएल करियर पूरा हो गया. लेकिन धोनी ने एक इवेंट में बता दिया कि उनका सीएसके के साथ कैसा रिश्ता है और क्यों वे इसकी ओर से खेलते हैं. उन्होंने बताया कि एक भारतीय होने के नाते वे किसी चीज से इमोशनल कनेक्ट रखते हैं. सीएसके से भी उनका इमोशनल कनेक्ट है.

 

एमएस धोनी ने इत्तिहाद एयरवेज के इवेंट में सीएसके में खेलते रहने के बारे में कहा,

 

भारत थोड़ा सा अलग है. लोग पेशेवर होने की बात करते हैं हम भारतीय पेशेवर हैं लेकिन हमारा इमोशनल कनेक्ट ज्यादा होता है. एक भारतीय होने के नाते मुझे लगता है कि इमोशनल कनेक्ट मेरी सबसे बड़ी ताकत है. हम पेशेवर और सब कुछ होना चाहते हैं लेकिन इमोशनल होना मेरी ताकत है. सीएसके के साथ मेरा इमोशनल कनेक्ट है. ऐसा नहीं है कि एक खिलाड़ी आता है, दो महीने खेलता है और घर चला जाता है.

 

धोनी बोले- सम्मान मांगने से नहीं मिलता

 

धोनी से इस इवेंट के दौरान लीडरशिप को लेकर भी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पद का सम्मान होता है लेकिन जो पद पर बैठते हैं उन्हें सम्मान कमाना पड़ता है. उन्होंने कहा,

 

मुझे लगता है कि जीवन हो या कारोबार आपके पास सिद्धांत होने चाहिए जिन पर आगे बढ़ना होता है. इससे फैसला लेना आसान हो जाता है. परिस्थिति के हिसाब से ढलना अहम होता है. हर छह महीने में नई तकनीक आती है और आपको फौरन उसके हिसाब से खुद को ढालना होता है. हम सब प्लान बनाते हैं लेकिन जब पहली गेंद फेंकी जाती है तो उसके बाद कोई प्लान नहीं होता है. इसके बाद तय करता है कि उसके हिसाब से क्या हो रहा है. जहां तक लीडर की बात है तो आपको वह सम्मान हासिल करना होता है. आप न तो सम्मान मांग सकते हैं और न ही आदेश दे सकते हैं. आपको इसे कमाना होता है. हो सकता है कि किसी संस्थान में मेरे पास कोई पॉजीशन हो तो उस पॉजीशन का सम्मान होना चाहिए. लेकिन उस कुर्सी पर बैठने वाले को सम्मान कमान होता है. जब आपके आसपास के लोग सम्मान करते हैं तब वह 10-15 फीसदी ज्यादा प्रयास करते हैं.


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