भारतीय बल्लेबाज संजू सैमसन ने अपने एक दशक के अंतरराष्ट्रीय करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखें हैं. 2014 में अपने डेब्यू के बाद से, सैमसन ने वाइट-बॉल फॉर्मेट में 46 मैचों में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है. घरेलू क्रिकेट में प्रभावशाली प्रदर्शन के बावजूद, 29 साल के खिलाड़ी को कभी भी भारतीय टीम में परमानेंट जगह नहीं मिल पाई है. उन्हें कई बार विदेशी सीरीज के लिए टीम इंडिया में जगह मिली है लेकिन वो खुद को साबित नहीं कर पाए हैं. उनके करियर के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी इस साल की शुरुआत में उस वक्त आया जब सैमसन ने टी20 विश्व कप की टीम में चुना गया. राजस्थान रॉयल्स के कप्तान ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने करियर को लेकर कई बड़े खुलासे किए.
मेरा सपना था वर्ल्ड कप खेलना: सैमसन
संजू सैमसन ने कहा कि “पिछले 3-4 महीने मेरे करियर के सबसे बेहतरीन रहे हैं. विश्व कप टीम का हिस्सा बनना एक सपने के सच होने जैसा है. ये कुछ ऐसा है जो मैं 3-4 साल पहले चाहता था. मेरी इच्छा अपना आखिरी वनडे विश्व कप खेलने की थी. हालांकि, टीम में शामिल होने और टी20- विश्व कप जीतने के बाद ही मुझे एहसास हुआ कि यह आसान काम नहीं था.''
बता दें कि सैमसन को ICC इवेंट में कोई मौका नहीं मिला क्योंकि ऋषभ पंत को पहली पसंद के विकेटकीपर के रूप में प्राथमिकता दी गई थी. सैमसन को श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए बुलाया गया, जो हेड कोच गौतम गंभीर के तहत भारत का पहला असाइनमेंट भी था. सूर्यकुमार यादव की अगुवाई में मेन इन ब्लू ने 3-0 से वाइटवॉश के साथ सीरीज अपने नाम की. सैमसन ने आखिरी दो टी20 में हिस्सा लिया और दोनों मौकों पर शून्य पर आउट हुए. उन्होंने कहा, "मैंने श्रीलंका के खिलाफ पिछली सीरीज़ में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया."
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