Naushad Khan: मुंबई क्रिकेट के खान भाइयों ने क्रिकेट जगत में हड़कंप मचा दिया है. सरफराज खान (Sarfaraz Khan) और मुशीर खान (Sarfaraz and Musheer Khan) दोनों ही दुनिया के दो अलग अलग हिस्सों में खेल रहे हैं और दोनों ने शतक जड़ दिया है. बड़ा भाई सरफराज फिलहाल इंग्लैंड लायंस (IND A vs ENG Lions) के खिलाफ अहमदाबाद में टेस्ट खेल रहा है जबकि छोटा भाई अंडर 19 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका में हिस्सा ले रहे हैं. गुरुवार को दोनों भाइयों ने शतक ठोक दिया. सरफराज ने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ इंडिया ए के लिए खेलते हुए 160 गेंदों पर 161 रन ठोके. जबकि मुशीर ने भारतीय जर्सी में पहला शतक ठोका और अंडर 19 वर्ल्ड कप में आयरलैंड के खिलाफ कमाल किया.
मुशीर ने 108 गेंद पर 118 रन ठोके. इसमें उन्होंने 9 चौके और 4 छक्के लगाए और भारत को 301 रन तक पहुंचाने में मदद की. दोनों ही भाइयों को इस मुकाम तक पहुंचाने में कोच और पिता नौशाद खान का सबसे बड़ा हाथ है. नौशाद ने उस वक्त ही दोनों भाइयों को साफ कर दिया था कि तुम्हें अच्छा बाप चाहिए या अच्छा पिता.
BCCI से है उम्मीद
नौशाद ने स्पोर्ट्स तक से खास बाचतीत में कहा कि सबको पता है कि कल मुशीर और सरफराज की सेंचुरी आई है. इसकी वजह से मुझे काफी ज्यादा खुशी हो रही है. जितने भी चाहने वाले हैं मैं सभी का शुक्रियअदा करना चाहता हूं. सभी ने मैसेज किया है. मैं उम्मीद करता हूं कि सरफराज को एक दिन इंडिया की कैप जरूर मिलेगी. मुझे अल्लाह और बीसीसीआई पर पूरा भरोसा है. एक न एक दिन वो भी जरूर आएगा. अगर नहीं आ पाया तो एक शेर अर्ज है कि, बिछड़ जाऊं तो रिश्ता मैं तेरी यादों से जोड़ूंगा, मुझे जिद है मैं जीने का कोई मौका नहीं छोड़ूंगा. और इस खेल में तलब कैसी, वफादारी की शर्ते क्या. ये मेरा हो न हो मैं इसका होकर रहूंगा.
इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत में नौशाद ने बताया कि मुशीर एक ओपनर हैं और उनका दिमाग बिल्कुल शांत है. वो दोनों मैचों में कमाल कर चुके हैं. वो मैच के हिसाब से गियर बदलते हैं. बांग्लादेश मैच से मेरी उनसे बात हुई थी. वो अच्छी लय में थे लेकिन उसे वो बड़ा नहीं बना पाए. अब उनकी वापसी हो चुकी है. मुझे उन्हें कुछ कहने की जरूरत नहीं है वो सुरक्षित हाथों में हैं.
नौशाद ने अपने दोनों बेटों को लेकर कहा कि मैंने पहले ही कह दिया था कि उनको अच्छा बाप चाहिए या अच्छा कोच. मैं अपनी शर्तों पर जीता हूं और एक रूटीन फॉलो करता हूं. मेरे लिए समय कीमती है. मैं सुबह उठता हूं, समय पर सोता हूं. पारिवारिक फंक्शन में नहीं जाता और सालों से ऐसा ही रहता आ रहा हूं. मैं अपने बेटों के अभ्यास को बंद नहीं करवा सकता. मैंने सबकुछ कर दिया है और अब मेरे बेटों को बारी है. दोनों रन बनाने के लिए भूखे हैं.
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