भारत के कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड की ओर से खेल भावना की आड़ लेकर स्लेजिंग से बचने की कोशिश पर करारा जवाब दिया है. उन्होंने इंग्लिश बल्लेबाजों के लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन के खेल में देरी से बैटिंग को आने का जिक्र किया. शुभमन ने कहा कि इंग्लिश बल्लेबाज डेढ़ मिनट देरी से बैटिंग के लिए आए जो खेल भावना में नहीं आता है. उन्होंने मैनचेस्टर में 23 जुलाई से शुरू हो रहे चौथे टेस्ट से पहले मीडिया से इस बारे में बात की और इंग्लैंड के दावों की धज्जियां उड़ा दी.
लॉर्ड्स टेस्ट के बाद से लगातार दोनों टीमों से स्लेजिंग के मसले पर सवाल किए जा रहे हैं. शुभमन ने कहा, 'काफी लोग इस बारे में बात कर रहे हैं. इसलिए मैं हमेशा के लिए साफ कर देना चाहता हूं कि इंग्लिश बल्लेबाजों के सामने सात मिनट का खेल था. वे 90 सैकेंड्स की देरी से क्रीज पर आए. 10, 20 नहीं बल्कि पूरे सैकेंड्स देरी की. हां, ज्यादातर टीमें इस रणनीति को अपनाती है. अगर हम उस स्थिति में होते तो हम भी कम से कम ओवर खेलना पसंद करते. लेकिन ऐसा करने का एक तरीका होता है और हमें लगता है कि अगर शरीर पर गेंद लगती है तो फिजियो आ सकता है और उसमें कुछ गलत नहीं. लेकिन क्रीज पर 90 सैकेंड्स की देरी से आना मुझे नहीं लगता कि खेल भावना के तहत आता है.'
लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन क्या हुआ
लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन के खेल में इंग्लैंड ने एक ओवर बैटिंग की थी. जसप्रीत बुमराह ने यह ओवर फेंका था. इसमें जैक क्रॉली ने समय खराब करने की रणनीति अपनाई. उन्होंने कम से कम तीन बार बुमराह को उनके रन अप के दौरान रोका. इस पर भारतीय खेमा तैश में आ गया. उनकी तरफ से कई तीखी बातें कही गई. शुभमन ने क्रॉली से साहस दिखाने को कहा था. इंग्लैंड की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में लॉर्ड्स टेस्ट की तनातनी का दोष पूरी तरह से भारत पर डाला गया था. 21 जुलाई को हैरी ब्रूक ने ऐसा किया. फिर 22 जुलाई को इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भी भारत पर भी दोष मढ़ा.
शुभमन बोले- जो हम नहीं चाहते थे वह हुआ
शुभमन ने उस घटना को लेकर आगे कहा, 'उस घटना से पहले कई ऐसी चीजें हुई जो हमें लगता है कि नहीं होनी चाहिए. मगर वह हुई. और मैं उन चीजों को लेकर गर्व नहीं करता लेकिन गर्मागर्मी धीरे-धीरे हुई. यह अचानक से नहीं हई. हमारा ऐसा करने का कोई मकसद नहीं था. जब आप एक मैच खेल रहे होते हैं तो जीतने के लिए खेलते हैं. बहुत सारी भावनाएं उसमें जुड़ी हुई होती है और जब आप देखते हैं कि नहीं होने वाली चीजें हो रही हैं तब कभीकभार अचानक से भावनाएं हावी हो जाती हैं.'