Duleep Trophy: यशस्वी जायसवाल की फिफ्टी, अय्यर-गायकवाड़ फेल, वेस्ट जोन दलीप ट्रॉफी से बाहर, रजत पाटीदार की सेना ने कटाया फाइनल का टिकट

Duleep Trophy: यशस्वी जायसवाल की फिफ्टी, अय्यर-गायकवाड़ फेल, वेस्ट जोन दलीप ट्रॉफी से बाहर, रजत पाटीदार की सेना ने कटाया फाइनल का टिकट
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सेंट्रल जोन ने दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल में अपनी इकलौती पारी में 600 का स्कोर बनाया.

वेस्ट जोन ने पहली पारी में 438 और दूसरी में आठ विकेट पर 216 रन बनाए.

सेंट्रल जोन की तरफ से सारांश जैन ने मैच मे 8 विकेट लिए और नाबाद 63 रन बनाए.

रजत पाटीदार की कप्तानी वाली सेंट्रल जोन ने दलीप ट्रॉफी 2025 के फाइनल में जगह बना ली. उसने सेमीफाइनल मुकाबले में वेस्ट जोन को पहली पारी की बढ़त के आधार पर पछाड़ा. बेंगलुरु में खेले गए मुकाबले में वेस्ट जोन ने पहली पारी में 438 का स्कोर बनाया था. इसके जवाब में सेंट्रल जोन ने 600 का विशाल स्कोर खड़ा किया. मुकाबले के आखिरी दिन वेस्ट जोन ने यशस्वी जायसवाल के 64 रन के बूते आठ विकेट पर 216 का स्कोर बनाया. तनुष कोटियन 40 रन के साथ नाबाद रहे जिससे यह टीम हारते-हारते बची. सेंट्रल जोन की तरफ से सारांश जैन ने पांच विकेट लिए तो हर्ष दुबे को दो सफलता मिली.

दलीप ट्रॉफी 2025 के फाइनल में सेंट्रल जोन का सामना साउथ जोन से होगा. इस टीम ने नॉर्थ जोन को पहली पारी के आधार पर पछाड़ते हुए खिताबी मुकाबले में जगह बनाई. सेंट्रल जोन और साउथ जोन के बीच फाइनल 11 सितंबर से बेंगलुरु में खेला जाएगा.

सारांश ने सेंट्रल जोन को 600 तक पहुंचाया

 

मैच के आखिरी दिन सेंट्रल जोन ने आठ विकेट पर 556 रन के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया. सारांश जैन ने अर्धशतक लगाया और यश ठाकुर (21) के साथ मिलकर टीम को 600 तक ले गए. सारांश 63 रन बनाकर नाबाद रहे. अरजन नागवसवाला ने आखिरी दोनों विकेट लिए. सेंट्रल जोन ने 162 रन की बड़ी बढ़त के साथ पारी समाप्त की.

वेस्ट जोन की दूसरी पारी में क्या हुआ

 

वेस्ट जोन को जायसवाल और आर्य देसाई (35) ने मिलकर अच्छी शुरुआत दी. दोनों ने पहले विकेट के लिए 62 रन जोड़े. सारांश ने ही इस साझेदारी को तोड़ा. फिर सौरभ नवाले (9) को भी बोल्ड किया. जायसवाल तीन छक्कों व इतने ही चौकों से 70 गेंद में 64 रन बनाने के बाद दुबे की गेंद पर आउट हुए. पहली पारी में शानदार शतक लगाने वाले ऋतुराज गायकवाड़ 16 रन बना सके और दुबे के दूसरे शिकार बने. शम्स मुलानी (12) और श्रेयस अय्यर (12) भी कुछ खास नहीं कर सके. लेकिन कोटियन ने एक छोर थाम लिया और टीम को ऑलआउट होने से बचाया. वे अंत तक डटे रहे.