भारत के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री विराट कोहली के अचानक टेस्ट से संन्यास लेने से काफी दुखी हैं. वह अभी तक इससे बाहर नहीं निकल पाए हैं. शास्त्री को लगता है कि कोहली के मामले को ज्यादा कम्यूनिकेशन के साथ बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था. कोहली के टेस्ट करियर में शास्त्री का अहम स्थान है. उन्होंने कोहली के शुरुआती सालों से लेकर उन्हें टेस्ट क्रिकेट में महान खिलाड़ी बनने तक का सफर करीब से देखा है. ऐसे में कोहली के अचानक टेस्ट क्रिकेट छोड़ने से काफी दुखी हैं.
विराट ने टेस्ट मैचों से संन्यास की घोषणा कर दी है, जो दुखद है.आप जानते हैं, क्योंकि वह एक महान खिलाड़ी हैं.जब आप जाते हैं, तभी लोगों को सही मायने में पता चलता है कि आप कितने बड़े खिलाड़ी थे.आंकड़े न्याय नहीं करते. यह उनके खुद को पेश करने के तरीके के बारे में है, खासकर टेस्ट मैच क्रिकेट के एंबेसेडर के रूप में, खासकर विदेशों में.जिस तरह से वह लॉर्ड्स में खेले और जिस तरह से उनकी टीम ने चीजों को बदल दिया.वह अवास्तविक था और मुझे खुशी है कि मैं इसका हिस्सा था.मुझे दुख है कि वह जिस तरह से चले गए - अचानक.मुझे लगता है कि इसे बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था,शायद अधिक बातचीत के साथ.
शास्त्री का कहना है कि अजीत अगरकर की चयन समिति ने कोहली को टेस्ट टीम का कप्तान ना बनाकर एक मौका खो दिया.उन्होंने सुझाव दिया कि यह फैसला फॉर्मेट में कोहली के नेतृत्व को अधिक उपयुक्त निष्कर्ष दे सकता था. उन्होंने कहा -
अगर मैं इससे कुछ कर सकता था तो मैं ऑस्ट्रेलिया दौरे के तुरंत बाद उन्हें कप्तान बना देता.
भारत के लिए 123 टेस्ट मैचों में 46.85 की औसत से 9230 रन बनाने वाले कोहली ने साल 2022 में साउथ अफ्रीका दौरा समाप्त के बाद भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद बीसीसीआई ने रोहित शर्मा को सभी फॉर्मेट का कप्तान नियुक्त किया गया.