पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने दावा किया है कि उसे चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन से 10 मिलियन डॉलर यानी करीब 86 करोड़ रुपये का मुनाफा होगा. पाकिस्तान की मेजबानी में हुए टूर्नामेंट में भारतीय टीम विजेता बनी थी. पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी खबरें थी कि चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन से पीसीबी को भारी नुकसान उठाना पड़ा. इसके बाद पीसीबी के प्रवक्ता आमिर मीर और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जावेद मुर्तजा ने 20 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि टिकटों की बिक्री और गेट मनी के जरिए कमाई हुई है. इसमें मीर ने कहा, 'टूर्नामेंट के सभी खर्चे आईसीसी के थे. इसके अलावा ऑडिट के बाद हमें आईसीसी से 3 बिलियन रुपये (300 करोड़) मिलने की उम्मीद है.'
मीर ने दावा किया कि पीसीबी ने शुरू में चैंपियंस ट्रॉफी से 200 करोड़ रुपये की कमाई का लक्ष्य रखा था. लेकिन उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल कर लिया. उन्होंने दावा किया कि पीसीबी का 2023-24 में राजस्व 10 बिलियन का रहा जो पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी ज्यादा रहा. मीर ने कहा, 'इस वित्तीय ताकत के साथ पीसीबी अब दुनिया के सबसे अमीर टॉप-तीन क्रिकेट बोर्ड में आता है. बोर्ड ने 40 मिलियन रुपये तो टैक्स में दिए हैं.' मुर्तजा ने कहा कि बहुत जल्द पीसीबी चैंपियंस ट्रॉफी के आर्थिक पक्ष को सबके सामने रखेगी. इसे पारदर्शिता के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.
स्टेडियम के सुधार पर पीसीबी ने क्या कहा
वहीं सीएफओ ने कहा कि पीसीबी ने कई वित्तीय निवेश किए हैं और स्टेडियम में सुधार के लिए 18 बिलियन रुपये रखे गए थे. इसमें पहले फेज के लिए 12 बिलियन रुपये दिए गए और 10.5 बिलियन अभी तक खर्च हो चुके हैं. बाकी के बचे हुए पैसे आगे सुधार के लिए इस्तेमाल होंगे. इसके तहत फैसलाबाद स्टेडियम में भी सुधार होगा. सीएफओ के अनुसार, 'पीसीबी ने महज चार महीनों के अंदर बड़े सुधार कर दिए. अब ये वेन्यू इंटरनेशनल स्टेंडर्ड के अनुरुप हैं. मीर ने कहा, 29 साल के बाद स्टेडियम में बदलाव किए गए जो बड़ा काम था.'
जब उनसे पूछा गया कि घरेलू क्रिकेट में वेतन में कटौती की गई है तो मीर ने बताया कि चेयरमैन मोहसिन नकवी ने इस फैसले को पलट दिया है. उन्होंने चैंपियंस ट्रॉपी के फाइनल से पीसीबी की गैरमौजूदगी के बारे में कहा कि इस बारे में आईसीसी के जवाब का इंतजार किया जा रहा है.