सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट के भविष्य पर जताई चिंता, गिनाई दिक्कतें, कहा- गेंदबाजों को...

सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट के भविष्य पर जताई चिंता, गिनाई दिक्कतें, कहा- गेंदबाजों को...

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने शुक्रवार (21 अप्रैल) को कहा कि एकदिवसीय क्रिकेट में काफी हद तक बल्लेबाजों का दबदबा है और इसको सही तरीके से जारी रखने के लिए बल्ले और गेंद के बीच के असंतुलन पर गौर किया जाना चाहिए. इस पूर्व खिलाड़ी ने माना कि टी20 फॉर्मेट की शुरुआत के बाद खेल की गति काफी तेज हुई है और अब समय आ गया है कि एकदिवसीय क्रिकेट में संतुलन बनाने पर ध्यान दिया जाए. सचिन तेंदुलकर ने अपने 50वें जन्मदिन से पहले पत्रकारों के एक चुनिंदा समूह से कहा, ‘आप पलक झपकाते हैं और मैच खत्म हो जाता है. लेकिन कहीं न कहीं मुझे लगता है कि वनडे पर ध्यान देने की जरूरत है.’

 

तेंदुलकर सोमवार को 50 साल के हो जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि बल्ले और गेंद के बीच असंतुलन है. यह इस समय बल्लेबाजों के पक्ष में बहुत अधिक झुका हुआ है. एकदिवसीय में दो नई गेंद से पारी शुरू होने के कारण 25 ओवर के मैच के बाद गेंद 12 या 13 ओवर पुरानी होती है जिससे गेंदबाज रिवर्स स्विंग नहीं करा पता है. इससे गेंद ना तो नरम होती है ना ही उसका रंग फीका पड़ता है. मुझे लगता है कि इन चीजों से गेंदबाजी टीम दबाव में होती है. गेंद का रंग और चमक उड़ने की चुनौती पहले भी थी और तब बल्लेबाज शिकायत करते थे. यह थोड़ा गेंदबाजों के पक्ष में था.’

 

गेंदबाजों के लिए सचिन ने की वकालत


उन्होंने कहा, ‘गेंदबाजों को भी कुछ फायदा मिलना चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि अभी खेल से वह तत्व गायब है. इसके साथ ही 30 गज के दायरे में में पांच क्षेत्ररक्षकों मौजूदगी के कारण स्पिन गेंदबाज अपनी लाइन में ज्यादा बदलाव करने का जोखिम नहीं ले सकते है.’ तेंदुलकर ने एकदिवसीय क्रिकेट को 25-25 ओवर की चार पारियों में विभाजित करने के पहले दिए गए सुझावों को याद करते हुए कहा कि इस तरह के बदलाव से दोनों टीमों को समान परिस्थितियों में समान अवसर मिलेंगे जो इस समय सिक्के (टॉस) के कारण एक पक्ष की ओर झुक जाता है.

 

मीडिया की भूमिका को सराहा


तेंदुलकर ने एथलीटों के बेहतर प्रदर्शन और उनके कौशल पर कड़ी मेहनत करने में अहम भूमिका के लिए मीडिया की सराहना करते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रशंसा से खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर होता है. उन्होंने कहा, ‘मुझे हमेशा लगता है कि प्रशंसा से प्रदर्शन बेहतर होता है. अगर प्रशंसा नहीं होगी तो किसी एथलीट को खुद को अभिव्यक्त करने का सही माहौल नहीं मिलेगा. आपने जिस तरह से मेरे प्रयासों की सराहना की है उससे मुझे और अधिक कोशिश करने की शक्ति मिली है. ऐसे मौके भी आए जब मैं लड़खड़ाया, मेरा आत्मविश्वास डगमगाया लेकिन इस खूबसूरत खेल ने मुझे फिर से उठना और आगे बढ़ना सिखाया. लेकिन आगे बढ़ने के लिए जिस ईंधन की जरूरत थी मुझे वह आपसे मिला. बिना ईंधन वाली गाड़ी से मैं इतनी लंबी दूरी तय नहीं कर सकता था. आपने इसमें काफी अहम भूमिका निभाई है.’

 

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