पाकिस्तान में 19 फरवरी से चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आगाज होने जा रहा है. यह इस टूर्नामेंट का नौवां एडिशन होगा और इसमें आठ टीमें खेलेंगी. 1998 में पहली बार यह टूर्नामेंट खेला गया था और इसके बाद से इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने इसमें काफी बदलाव किए हैं. इंटरनेशनल कप से होता हुआ आईसीसी नॉकआउट और अब चैंपियंस ट्रॉफी. कभी इस टूर्नामेंट को मिनी वर्ल्ड कप भी कहा जाता था. आईसीसी ने गैर टेस्ट देशों की मदद के लिए इस टूर्नामेंट की नींव रखी थी तो फिर यह चैंपियंस ट्रॉफी कैसे बन गया, आगे जानते हैं पूरी कहानी.
इंटरनेशनल कप बना आईसीसी नॉकआउट
दो साल बाद यानी 2000 से यह टूर्नामेंट फिर से शुरू हुआ और इसकी बार मेजबानी केन्या को दी गई. टूर्नामेंट का नाम बदल गया. अब इसके आईसीसी नॉकआउट कहा गया. इसमें 11 टीमों ने हिस्सा लिया. जो भी टीम हारती वह बाहर हो जाती है. इसलिए इसके आईसीसी नॉकआउट कहा गया. इस बार न्यूजीलैंड विजेता बना और उसने भारत को फाइनल में मात दी. इसके जरिए न्यूजीलैंड ने पहली और अभी तक इकलौती बार आईसीसी का लिमिटेड ओवर्स टूर्नामेंट जीता है.
आईसीसी ने 2002 से नॉकआउट टूर्नामेंट का नाम बदला और इसे चैंपियंस ट्रॉफी कहा जाने लगा. तब से यह टूर्नामेंट इसी नाम से खेला जा रहा है. 1998 से लेकर 2006 तक यह टूर्नामेंट हरेक दो-दो साल पर खेला गया. लेकिन इसके बाद 2009 में इसका आयोजन हुआ. 2008 में पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी होनी थी लेकिन भारत में आतंकी हमले के बाद इसे टाल दिया गया. बाद में इसकी मेजबानी साउथ अफ्रीका को दे दी गई. फिर चार-चार साल के अंतराल पर 2013 व 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी खेली गई. अब आठ साल बाद इस टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है. बीच में कई बार चैंपियंस ट्रॉफी को बंद करने की योजना बनाई गई. लेकिन 2013 में इंग्लैंड की मेजबानी में जब भारत जीता तब इसे काफी पसंद किया गया और स्टेडियम में दर्शकों से भरे हुए थे. ऐसे में आईसीसी ने इसे जारी रखने का फैसला किया.