एशियन गेम्स 2023 में सेलिंग इवेंट में भारत ने दूसरा मेडल हासिल कर लिया है. नेहा ठाकुर के सिल्वर मेडल के बाद अब इबाद अली ने भी ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा कर लिया है. वो पुरुष विंडसर्फर में तीसरे पायदान पर रहें जहां उनका नेट स्कोर 52 का था. थाईलैंड के नत्थाफोंग फोनोपपरत ने 29 के नेट स्कोर के साथ सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया जबकि साउथ कोरिया ने 13 नेट स्कोर के साथ गोल्ड मेडल पर कब्जा किया. इबाद के अलावा विष्णु सरवनन ने भी पुरुष डिंगी-ILCA7 में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया. इस सेलर ने 34 के नेट स्कोर के साथ जीत हासिल की जो सिल्वर मेडल जीतने वाले साउथ कोरिया के खिलाड़ी से एक पाइंट जाता था.
इससे पहले महिला सेलिंग डिंगी में नेहा ठाकुर ने सिल्वर मेडल जीता था. इबाद के मेडल के बाद अब भारत के पाले में कुल 13 मेडल्स आ चुके हैं. इबाद ने ये मेडल पुरुष विंडसर्फर आरएस: एक्स में जीता है. इबाद ने 14 रेस में कुल 57 पाइंट्स हासिल किए.
सेलिंग में इस तरह गिने जाते हैं पाइंट
सेलिंग में कई तरह की रेस होती है लेकिन एथलीट्स को उसी आधार पर पाइंट्स दिए जाते हैं जिस तरह वो फिनिश करते हैं. जो एथलीट पहले पायदान पर आता है उसे 1 पाइंट मिलता है. जबकि अगर कोई एथलीट 8वें पायदान पर आता है तो उसे 8 पाइंट मिलता है. यानी की एक एथलीट अगर तीन रेस में पहले पायदान पर आता है तो उसे 1+1+1 कुल तीन पाइंट मिलते हैं. लेकिन अगर एक एथलीट तीनों रेस में पहले, तीसरे और पांचवें पायदान पर आता है तो उसके कुल 9 पाइंट्स होते हैं. यानी की 1+3+5.
अंत में सभी रेस देखे जाते हैं और उसी के आधार पर पाइंट्स जुड़ते हैं. जिस सेलर के सबसे कम पाइंट्स होते हैं अंत में उसे जीत मिलती है. लेकिन एथलीट्स के पास ये भी ऑप्शन होता है कि वो अपनी एक रेस को पूरी तरह खराब कर सकते हैं जिससे उनके पाइंट्स में बढ़ोतरी हो जाए. यानी की अगर एक एथलीट सभी रेस में टॉप 3 में आता लेकिन एक रेस में वो अगर वो बेहद खराब प्रदर्शन करता है तो उस रेस को रिजल्ट से रिमूव करवाया जा सकता है और फिर टेबल में उसके पॉइंट्स बेहतर हो सकते हैं.
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