LA 2028 Updates: ओलिंपिक 2028 में भारत के मेडल की उम्मीद उस वक्त बढ़ गई, जब इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी ने ऐलान किया कि लॉस एंजिलिसओलिंपिक में कंपाउंड आर्चरी को जोड़ा जाएगा. बीते दिन आईओसी ने कंपाउंड आर्चरी को ओलिंपिक 2028 में शामिल किए जाने का ऐलान किया. यह पहली बार होगा जब यह खेल ओलिंपिक खेलों का हिस्सा होगा. ओलिंपिक 2028 में कंपाउंड आर्चरी का सिर्फ एक इवेंट होगा. मिक्स्ड टीम इवेंट में खिलाड़ी चुनौती पेश करेंगे,लेकिन यह कंपाउंड तीरंदाजों के लिए दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन में अपने देश के लिए मेडल जीतने का एक ऐतिहासिक मौका होगा.
कंपाउंड और रिकर्व तीरंदाजी के बीच सबसे बड़ा अंतर उनके धनुष का होता.रिकर्व तीरंदाज के धनुष के ऊपरी और निचले हिस्से तीरंदाजों से दूर मुड़े होते हैं. वहीं कंपाउंड तीरंदाज के धनुष में एक 'लेट-ऑफ' सुविधा होती है, जिससे तीरंदाज कम वजन का उपयोग कर सकते हैं. कंपाउंड तीरंदाजों के धनुष में केबल का सिस्टम होता है.रिकर्व तीरंदाज जहां तकनीक पर भरोसा करते हैं. वहीं कंपाउंड वाले से निशाना लगाना आसान होता है.
स्टैंटर्ड कॉम्पिटिशन में रिकर्व तीरंदाजों के लिए टार्गेट 70 मीटर दूर होता है और कम्पाउंड तीरंदाजों के लिए टार्गेट 52 मीटर दूर होता है. दोनों में स्कोरिंग सिस्टम भी थोड़ा अलग होता है.
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कंपाउंड तीरंदाजी से कैसे बढ़ी भारत की मेडल उम्मीद
भारत ने तीरंदाजी को ओलिं पिक मेडल के लिए टार्गेट खेलों में शामिल किया है, लेकिन भारत आज तक आर्चरी में ओलिंपिक मेडल नहीं जीत पाया.कंपाउंड आर्चरी को शामिल किए जाने से भारतीय तीरंदाजों के पोडियम पर खड़े होने की उम्मीदें बढ़ जाएंगी. कंपाउंड आर्चरी में भारत का दबदबा है. 2023 में वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में भारत ने पांच में से तीन गोल्ड मेडल जीते थे. 2023 एशियन गेम्स में भारत ने सभी पांच गोल्ड मेडल जीते थे. कंपाउंड मिक्स्ड टीम में भारत संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर है.