पाकिस्तान की रावलपिंडी की पिच पर आईसीसी का चाबुक चला है. इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान जिस तरह से इस पिच ने बर्ताव किया उसके चलते आईसीसी ने इसे औसत से नीचे करार दिया है. इस स्टेडियम को एक डिमेरिट अंक भी झेलना पड़ा. आठ महीने के भीतर दूसरी बार स्टेडियम को डिमेरिट अंक दिया गया है. पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया के बीच मार्च में हुए पहले टेस्ट में भी पिच को औसत से नीचे बताया गया था. इन दोनों ही टेस्ट के दौरान गेंदबाजों को पिच पर काफी संघर्ष करना पड़ा था.
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इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच हुए रावलपिंडी टेस्ट के पहले दिन 506 रन बने थे. ये रन इंग्लिश टीम ने बनाए थे. बाद में मुकाबला मेहमान टीम ने 74 रन से अपने नाम किया था. पिच औसत से नीचे होने पर स्टेडियम को एक डिमेरिट अंक झेलना पड़ता है जबकि पिच खराब या अनफिट करार दिए जाने पर तीन और पांच डिमेरिट अंक लगाए जाते हैं. कुल पांच डिमेरिट अंक होने पर मैदान एक साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी नहीं कर सकता और दस डिमेरिट अंक होने पर निलंबन दो साल का होता है.
आईसीसी ने पिच पर क्या कहा
रावलपिंडी की पिंच को लेकर आईसीसी ने अपने फैसले में कहा, ‘आईसीसी एलीट पेनल के मैच रेफरी एंडी पायक्राफ्ट ने रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम की पिच को औसत से नीचे करार दिया है. आईसीसी पिच और आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रक्रिया के तहत इस पर एक डिमेरिट अंक लगाया गया.’ मैच रेफरी पायक्राफ्ट ने पिच को लेकर अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘इस पिच से गेंदबाजों को किसी तरह की मदद नहीं मिली. यही वजह है कि बल्लेबाजों ने तेजी से और काफी रन बनाए. मैच के दौरान पिच टूटी भी नहीं.’
पहली दो पारियों में लगा रनों का अंबार
रावलपिंडी टेस्ट की पहली दो पारियों में 657 और 579 रन के स्कोर बने. इस दौरान कुल सात शतक लगे. इंग्लैंड ने दोनों ही पारियों में छह रन प्रति ओवर के आसपास की रनरेट से रन बनाए. इस पिच को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन रमीज राजा ने भी निराशा जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि यह पिच शर्मसार करने वाली है और टेस्ट क्रिकेट के लिए ठीक नहीं है.
मार्च 2022 में जब पाकिस्तान ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट हुआ था तब रावलपिंडी में पांच दिन के खेल में 1187 रन बने थे और केवल 14 ही विकेट गिरे थे.