टीम इंडिया के लेजेंड्री पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह और चैंपियन कप्तान एमएस धोनी की दोस्ती से सभी वाकिफ हैं. युवराज और एमएस धोनी ने सालों तक टीम इंडिया के लिए खेला है और एक साथ कई यादगार साझेदारियां की हैं. इन दोनों की बल्लेबाजी की बदौलत भारत ने सीरीज और खिताब जीते हैं. लेकिन अब दोनों क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं और अपनी पर्सनल जिंदगी जी रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच अब युवराज सिंह ने अपनी और धोनी की दोस्ती को लेकर बड़ा बयान दिया है और कहा है कि, दोनों करीबी दोस्त नहीं हैं.
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टीआरएस क्लिप्स के साथ खास बातची में युवराज सिंह ने एमएस धोनी के साथ अपनी दोस्ती को लेकर कई राज खोले. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. कई फैंस को ये सुनकर झटका भी लगा है. युवराज ने कहा कि, वो और धोनी इसलिए दोस्त थे क्योंकि दोनों एक दूसरे संग क्रिकेट खेला करते थे. लेकिन अपनी पर्नसल जिंदगी में दोनों एक दूसरे के करीब नहीं हैं. युवराज ने कहा कि, मैं और माही करीबी दोस्त नहीं हैं. हम क्रिकेट की बदौलत दोस्त थे. माही का लाइफस्टाइल अलग है और मेरा अलग है. ऐसे में हम कभी करीबी दोस्त नहीं रहे. जब मैं और माही मैदान पर थे तब दोनों ने अपना 100 प्रतिशत दिया. वो कप्तान था और मैं उप कप्तान. जब मैं टीम में आया तब मैं 4 साल जूनियर था. लेकिन जब दूसरा कप्तान बन जाता है और आप उप कप्तान तब दोनों के बीच फैसलों में अंतर होते हैं.
कई बार मुझे धोनी के फैसले सहीं नहीं लगे
युवराज ने आगे कहा कि, कई बार मुझे धोनी के फैसले सही नहीं लगे. वहीं कई बार मैंने जो फैसले किए वो उसे पसंद नहीं आए. जब मैं अपने करियर के अंतिम दौर में था और मुझे मेरे करियर को लेकर साफ तस्वीर नहीं मिल पा रही थी, तब मैंने धोनी से सलाह ली थी. धोनी ही था जिसने मुझे बताया था कि सेलेक्शन कमिटी तुमपर ध्यान नहीं दे रही है. उस समय मुझे लगा कि कम से कम मुझे साफ तस्वीर तो बता दो. ये सबकुछ 2019 वर्ल्ड कप से पहले था. और यही सच्चाई है. युवराज ने आगे कहा कि, आपके दोस्तों को मैदान के बाहर आपका बेस्ट फ्रेंड्स होना जरूरी नहीं है. हर किसी का अपना लाइफस्टाइल और स्किल होता है. कई लोगों को दूसरे लोगों का साथ पसंद आता है और कईयों को नहीं. ऐसे में आप मैदान पर हर किसी के साथ दोस्ती नहीं कर सकते हैं. आप किसी भी टीम को ले लें प्लेइंग 11 कभी भी एक साथ नहीं चलता है. कई लोग अलग भी होते हैं.
मैंने धोनी के लिए कई बार रनर बना
युवराज ने आगे कहा कि, कई बार ऐसा हुआ जब धोनी चोटिल हो जाते थे और मैं उनका रनर होता था. एक बार धोनी 90 पर खेल रहे थे और मैं उन्हें स्ट्राइक देकर उनका 100 पूरा करवाना चाहता था. कई बार मैंने उनके लिए डाइव भी लगाई और दूसरा रन भी लिया. लेकिन मैं भी जब वर्ल्ड कप में 48 के स्कोर पर नीदरलैंड्स के खिलाफ बल्लेबाजी कर रहा था तब मेरी पचास के लिए 2 रन चाहिए थे. तब धोनी ने गेंद रोक दी थी और मुझे मेरा 50 पूरा करने दिया था.
मैं धोनी को शुभकामनाएं देना चाहता हूं
युवराज ने कहा कि, वर्ल्ड कप 2011 में ये साफ था कि, जब गौतम आउट होंगे तो मैं जाऊंगा और जब विराट आउट होगा तो धोनी जाएगा. और यही दोस्ती भी है. हम प्रोफेशनल हैं और मैं उसे अच्छा करने की दुआ करता हूं और उसे बधाई देता हूं. वो रिटायर हो चुका है और मैं भी. लेकिन जब हम मिलते हैं तो दोस्त की तरह ही मिलते हैं. मैं ये नहीं चाहता कि मैं ये कहूं कि तू कौन है. हमने एक साथ एक एड भी शूट किया था और उस दौरान हमने अपने पुराने दिनों को लेकर कई बात भी की.
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