Bumrah vs Konstas Fight : सैम कोंस्टस से झगड़े पर टीम इंडिया के कप्तान जसप्रीत बुमराह ने तोड़ी चुप्पी, कहा - मैं गाली नहीं देता लेकिन...

Bumrah vs Konstas Fight : ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर खेले जाने वाले अंतिम सिडनी टेस्ट मैच के पहले दिन के अंत के नजदीक जसप्रीत बुमराह और सैम कोंस्टस के बीच जमकर झगड़ा हुआ.

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Shubham Pandey

Sam Konstas started a fight with Jasprit Bumrah

Sam Konstas started a fight with Jasprit Bumrah

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Bumrah vs Konstas Fight : बुमराह का सैम कोंस्टस से पंगा

Bumrah vs Konstas Fight : बुमराह ने गुस्से में ख्वाजा को किया आउट

Bumrah vs Konstas Fight : बुमराह ने झगड़े पर तोड़ी चुप्पी

Bumrah vs Konstas Fight : ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर खेले जाने वाले अंतिम सिडनी टेस्ट मैच के पहले दिन जमकर बवाल हुआ. विराट कोहली को जहां नॉट आउट दिए जाने से ऑस्ट्रेलियाई फैंस और तमाम दिग्गज नाराज थे. वहीं दिन के अंत में टीम इंडिया के कप्तान जसप्रीत बुमराह से ऑस्ट्रेलिया के 19 साल के सलामी बल्लेबाज सैम कोंस्टस भिड़े तो इसका खामियाजा उस्मान ख्वाजा को आउट होकर भुगतना पड़ा. अब जसप्रीत बुमराह ने मैदान में बल्लेबाजों से होने वाले पंगे से निपटने के लिए अपना बड़ा प्लान बताया. 


जसप्रीत बुमराह ने झगड़े पर क्या कहा ?

सिडनी टेस्ट मैच के पहले दिन सैम कोंस्टस से फाइट होने के बाद जसप्रीत बुमराह का एक इंटरव्यू सामने आया. उन्होंने फ़ोर्ब्स इंडिया से बातचीत में कहा, 

मैं आक्रामक हूं, लेकिन मुझे बल्लेबाज़ को गाली देने की ज़रूरत नहीं है. क्योंकि जब मैं बच्चा था तो मैंने गेंदबाज़ों को मैच के दौरान टेलीविजन पर चीखते-चिल्लाते और एक-दूसरे से भिड़ते हुए देखा था. मैंने जब ऐसा करने की कोशिश की तो मैं बहुत ज़्यादा अटैकिंग हो गया और मैंने क्लब क्रिकेट में इसे अपनाया तो ये मेरे काम नहीं आया. 

जसप्रीत बुमराह ने आगे पंगे से निपटने के प्लान को लेकर कहा, 

जब मुझे इस बात एहसास हुआ कि मैं एक हद से ज्यादा बढ़ गया हूं तो मैंने इस पर कंट्रोल करना शुरू कर दिया. जब मैं अच्छी स्थिति और शांत रहता हूं तो लोगों को पता नहीं चलता कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा है, इसलिए इससे मुझे मानसिक रूप से काफी लाभ मिलता है. इससे मुझे शांत रहने और बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है.


जसप्रीत बुमराह ने अंत में कहा, 

ऐसा नहीं है कि मैं आक्रामक नहीं हूं, मैं बल्लेबाजों को हिट करने के लिए थ्रोडाउन नहीं देता. मैं अपना काम करने और अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए हमेशा सोचता रहता हूं. लेकिन मेरी आक्रामकता का तरीका अलग है. मुझे गाली देने की जरूरत नहीं है, लेकिन मेरी बॉडी लैंग्वेज और जिस तरह से मैं रनअप के दौरान दौड़ता हूं और गेंदबाजी करता हूं, मैं उसी तरह से आक्रामकता दिखाना चाहता हूं.

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