नीतीश कुमार रेड्डी के बचपन के कोच का बड़ा खुलासा, सुनाई 12 साल पुरानी दिल छू लेने वाली कहानी

नीतीश कुमार रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक ठोक दिया जिसके बाद उनके कोच ने 12 साल पुरानी कहानी बताई है. उस दौरान ही नीतीश ने भारत के लिए खेलने का सपना देख लिया था.

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Neeraj Singh

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मोहम्मद सिराज के साथ शतक का जश्न मनाते नीतीश कुमार रेड्डी

Story Highlights:

नीतीश रेड्डी के कोच ने बड़ा खुलासा किया है

उन्होंने कहा कि इसने 12 साल पहले ही सपना देख लिया था

विराट के साथ फोटो न मिल पाने वाला खिलाड़ी उनके साथ अब ड्रेसिंग रूम शेयर कर रहा है

नीतीश कुमार रेड्डी के अंडर 16 कोच कुमार स्वामी अपने स्टू़डेंट को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट के तीसरे दिन मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर अपना पहला टेस्ट शतक बनाते देख बेहद खुश हुए. रेड्डी ने शनिवार को शतक बनाया और पूरी क्रिकेट बिरादरी अपनी कमाल की बैटिंग से आश्चर्यचकित कर दिया. ऑलराउंडर ने 10 चौकों और एक छक्के की मदद से 105* (176) रनों की शानदार पारी खेलकर भारत को टेस्ट मैच में बनाए रखा.

रेड्डी की शानदार उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए कुमार स्वामी अपने शिष्य को इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज करते देख बेहद खुश हुए. स्वामी ने अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किया और बताया कि उनका सफर 12 साल पहले तब शुरू हुआ जब उन्हें आंध्र में अंडर-14 राज्य टीम के लिए चुना गया. उन्होंने रेड्डी की उस दिल छू लेने वाली घटना को भी याद किया जब वह अपने आदर्श विराट कोहली के साथ एक तस्वीर नहीं खिंचवा पाए थे और लेकिन अब उनकी मेहनत की नतीजा है कि वो उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर कर रहे हैं. 

12 साल पहले देखा था सपना

स्वामी ने एएनआई से कहा, "उनके कोच के रूप में यह मेरे लिए बहुत गर्व का क्षण है. हमारी यात्रा बारह साल पहले शुरू हुई थी. वह एक मेहनती क्रिकेटर है. अंडर-14 स्टेट टीम में चुने जाने के बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसने आंध्र में बीसीसीआई से अपना पहला पुरस्कार जीता. उस समय, नीतीश को विराट कोहली के साथ एक फोटो भी नहीं मिली थी, और आज वे दोनों ड्रेसिंग रूम साझा कर रहे हैं." 

बता दें कि, अपने शानदार शतक के बाद, 22 साल का खिलाड़ी अब तक सीरीज में भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाला खिलाड़ी बन गए है. नीतीश ने चार मैचों (छह पारियों) में 71 की औसत से 284* रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक भी शामिल है. रेड्डी को बॉक्सिंग डे टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर के रूप में एक ऐसा साथी मिला जिसने उनका भरपूर साथ दिया और टीम को मैच हारने से बचाया. दोनों ने उस समय क्रीज पर कदम रखा, जब भारत 221/7 पर था, और ऑस्ट्रेलिया से 253 रनों के बड़े अंतर से पीछे था. हालांकि, वे अपने सामने रनों के विशाल पहाड़ से बेपरवाह थे और आठवें विकेट के लिए 127 रनों की मैच-बदलने वाली साझेदारी की. इन दोनों ने भारत को फॉलो-ऑन से बचने और पहली पारी में बड़े अंतर को कम करने में मदद की. रेड्डी के शतक और सुंदर के अर्धशतक (50) की बदौलत भारत ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 358/9 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया से 116 रन पीछे रहा.

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