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अनिल कुंबले से लेकर ऋषभ पंत तक, इन भारतीय क्रिकेटर्स की बहादुरी को सलाम, किसी ने टूटे जबड़े तो कोई टूटे पैर के साथ देश के लिए खेला
ऋषभ पंत पैर में चोट के बावजूद मैनचेस्टर टेस्ट में बैटिंग के लिए मैदान पर आए और दर्द में बैटिंग की.

किरण सिंह
अपडेट:

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देश के लिए खेलना हर खिलाड़ी का आखिरी टारगेट और सपना होता है, लेकिन चुनिंदा खिलाड़ी ही अपने इस सपने और टारगेट को पूरा कर पाते हैं और इस सपने के दौरान कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने गंभीर चोट के बावजूद देश के लिए खुद के शरीदा को दांव पर लगा दिया. साल 2009 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ग्रैम स्मिथ ने टूटे हाथ के साथ बैटिंग की थी. ऐसी ही बहादुरी भारतीय क्रिकेटर्स भी दिखा चुके हैं.

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ऋषभ पंत इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट में पैर में फैक्चर होने के बावजूद बैटिंग के लिए दूसरे दिन जरूरत पड़ने पर मैदान पर आए और दर्द में भी बहादुरी के साथ बैटिंग की.
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अनिल कुंबले ने साल 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगा में चेहरे पर पट्टी बांधकर गेंदबाजी की थी. बैटिंग के दौरान उनका जबड़ा टूट गया था.

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2020-21 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भारत की ऑस्ट्रेलिया पर शानदार जीत के लिए जानी जाती है. इस सीरीज के दौरान सिडनी टेस्ट में हनुमा विहारी चौथी पारी में हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आ गया था,मगर इसके बावजूद उन्होंने दर्द से जूझते हुए रविचंद्रन अश्विन के साथ दिन भर बल्लेबाजी की.

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2021 में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में सिडनी टेस्ट के दौरान हनुमा विहारी के साथ साथ आर अश्विन की चोटिल थे. वह बैक इंजरी से जूझ रहे थे. इसके बावजूद उन्होंने विहारी के साथ 62 रन की पार्टनरशिप करके भारत की हार को टाल दिया था.

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भारतीय ऑलराउंडर केदार जाधव को 2018 में भारत और बांग्लादेश के बीच एशिया कप के फ़ाइनल में हैमस्ट्रिंग इंजरी हो गई थी. भारत 223 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए संघर्ष कर रहा था, लेकिन जाधव ने दर्द के बावजूद संघर्ष किया और मैच की आखिरी गेंद पर टीम को जीत दिलाई.

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साल 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में रोहित शर्मा अंगूठे ने चोट के बावजूद बैटिंग की थी.
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