केपटाउन के मैदान में भारत और साउथ अफ्रीका (India va South Africa) के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का अंतिम टेस्ट मैच तीन जनवरी से खेला जाना है. इसके लिए रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया जहां दमदार तैयारी में जुटी हुई है. वहीं केपटाउन के मैदान में हालांकि टीम इंडिया का रिकॉर्ड बेहद ही खराब है. साल 1993 से लेकर अभी तक टीम इंडिया कई कप्तानों के नेतृत्व में खेल चुकी है. लेकिन उसे कोई भी जीत नहीं दिला सका. इस मामले में सिर्फ मोहम्मद अज़हरुद्दीन और महेंद्र सिंह धोनी की भारत की इज्जत बचा पाए हैं. जबकि बाकी कप्तानों को हार झेलनी पड़ी.
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मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में नहीं हारा भारत
दरअसल, साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया पहली बार साल 1993 में केपटाउन के मैदान में टेस्ट मैच खेलने उतरी. मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी वाली टीम इंडिया के सामने साउथ अफ्रीका ने पहली पारी 7 विकेट के नुकसान पर 529 रन बनाकर घोषित कर डाली. इसके जवाब में भारत ने भी बल्ले से दमखम दिखाया और मैच अंतिम दिन तक बराबरी पर समाप्त हो गया.
धोनी ने भी बचाई थी इज्जत
अजहर के बाद साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टेस्ट टीम इंडिया ने भी साउथ अफ्रीका को बराबरी की टक्कर देते हुए मैच को बराबरी पर समाप्त कर डाला था. साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 362 रन बनाए. जवाब में सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए 146 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर टीम इंडिया को 364 के स्कोर तक पहुंचाया. दूसरी पारी में जैक कैलिस (109) के शतक से साउथ अफ्रीका ने 341 रन बनाकर भारत के सामने 340 रनों का विशाल टारगेट रखा. इसके जवाब में टीम इंडिया ने 3 विकेट पर 166 रन बनाए और मैच बराबरी पर समाप्त हो गया.
रोहित करना चाहेंगे कमाल
धोनी और अजहर के अलावा टीम इंडिया के लिए केपटाउन के मैदान में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और विराट कोहली (दो बार) की कप्तानी वाली टीम इंडिया को हार का सामाना करना पड़ा. जिसके चलते अब रोहित शर्मा इस कड़ी में अपना नाम नहीं शामिल करना चाहेंगे और भारत को केपटाउन में जीत दिलाकर ऐसा करने वाले अभी तक के पहले भारतीय कप्तान बनना चाहेंगे.
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