टीम इंडिया के विकेटकीपर बैटर और लखनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान ऋषभ पंत ने युवा क्रिकेटरों को लेकर बड़ा बयान दिया है. पंत ने कहा कि वर्तमान के युवा क्रिकेटर आजकल ठाठ बाट पर ज्यादा ध्यान देते हैं. वो भारत के लिए खेलने की बजाय आईपीएल में खेलने पर फोकस करते हैं. ऋषभ पंत ने कहा कि आईपीएल टैलेंट दिखाने के लिए एक शानदार प्लेटफॉर्म है लेकिन असली सफलता यही है जब आप अपने देश के लिए खेलते हैं.
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पंत ने कहा कि युवा क्रिकेटरों को टीम इंडिया के सेलेक्शन पर फोकस करना चाहिए. क्योंकि इससे हर चीज के दरवाजे खुल जाते हैं. पंत ने कहा कि मेरा सपना बचपन से ही भारत के लिए खेलने का था. मैंने कभी भी आईपीएल को सबसे आगे नहीं रखा. बता दें कि भारतीय विकेटकीपर बैटर की मेहनत उस वक्त रंग लाई जब उन्होंने 18 साल की उम्र में ही भारत के लिए डेब्यू कर लिया.
बता दें कि पंत ने दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए साल 2016 में आईपीएल में डेब्यू किया था. पंत ने गुजरात लायंस के खिलाफ डेब्यू किया था. इसके बाद साल 2017 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में डेब्यू किया था.
युवा क्रिकेटरों को भारत खेलने पर फोकस करना चाहिए
ऋषभ पंत ने जियो हॉटस्टार पर कहा, "बचपन से ही मेरा एक ही सपना था. भारत के लिए खेलना. मैंने कभी आईपीएल में खेलने के बारे में सोचा भी नहीं था. मुझे लगता है कि आज लोग आईपीएल पर ज़्यादा ध्यान देते हैं. बेशक, यह एक बेहतरीन प्लेटफ़ॉर्म है, लेकिन मेरा मानना है कि अगर आपका लक्ष्य अपने देश के लिए खेलना है, तो आईपीएल सहित बाकी सब कुछ अपने आप ही सही हो जाएगा."
बाएं हाथ के बल्लेबाज ने आगे कहा, "अगर आपकी सोच बड़ी है, तो सफलता आपके पीछे-पीछे आएगी. मुझे हमेशा से लगता था कि मैं एक दिन भारत के लिए खेलूंगा और भगवान ने मेरी मेहरबानी की. 18 साल की उम्र में मुझे डेब्यू करने का मौका मिला और मैं इसके लिए आभारी हूं."
इस बीच, एलएसजी के कप्तान अपनी निडर बल्लेबाजी और एक हाथ से छक्के लगाने के लिए जाने जाते हैं, जिससे अक्सर बल्ला उनके हाथों से छूट जाता है. अब, पंत ने खुलासा किया कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह अपने निचले हाथ को हल्के से पकड़ते हैं, इसका इस्तेमाल ज़्यादातर सहारे के लिए करते हैं. पंत ने आगे बताया, "मुझे लगता है कि ऐसा ज़्यादातर इसलिए होता है क्योंकि मैं अपने निचले हाथ को बहुत हल्के से पकड़ता हूं. मैं मुख्य रूप से अपने निचले हाथ का इस्तेमाल सहारे के लिए करने की कोशिश करता हूं, क्योंकि कई बार यह हावी होने लगता है. इसलिए, मैं अपने ऊपरी हाथ को कसकर पकड़ने पर ध्यान केंद्रित करता हूं."
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