टुक टुक मिस्बाह उल हक कहकर चिढ़ाने पर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने बताई दिल की बात, बोले- मुश्किल होता है...

 मिस्बाह उल हक पाकिस्तान के बैटिंग ऑर्डर में नीचे खेला करते थे और धीमी बल्लेबाजी के चलते उन्हे टुक टुक कहा जाता था. जानिए इस पर उन्होंने क्या कहा है.

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Shakti Shekhawat

मिस्बाह उल पाकिस्तान के कप्तान के साथ कोच रहे हैं.

मिस्बाह उल पाकिस्तान के कप्तान के साथ कोच रहे हैं.

Highlights:

मिस्बाह उल हक पाकिस्तान के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं.मिस्बाह उल हक ने 42 साल की उम्र तक पाकिस्तान की कमान संभाली.

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक को उनके खेलने के दिनों में टुक-टुक कहकर चिढ़ाया जाता है. आज भी सोशल मीडिया पर उनके लिए इससे जुड़े मीम्स पोस्ट किए जाते हैं. ऐसा उनकी बल्लेबाजी के चलते होता रहा है. अब मिस्बाह ने टुक टुक कहे जाने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि वह क्यों धीमा खेलते थे और इस तरह का विशेषण उनके लिए इस्तेमाल करने पर उन्हें कैसा लगता है. मिस्बाह ने काफी समय तक पाकिस्तान की कप्तानी की. इसमें 2015 वर्ल्ड कप भी शामिल है. वह बैटिंग ऑर्डर में फिनिशर की भूमिका में खेला करते थे.

 

मिस्बाह ने ए स्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मुश्किल होता है. आपको निराशा होती है और थोड़ा सा आप उस चीज़ को महसूस भी करते हैं. बिना हालात को जाने कि मैच की स्थिति कैसी है, टीम की हालत कैसी है, टीम में आपकी भूमिका कैसी है. मेरा बैकग्राउंड टेप बॉल क्रिकेट था जो मारधाड़ का क्रिकेट है तो तेजी से खेलता रहा हूं. दबाव वाले हालात में टीम की जरूरत को देखना होता है कि मैं कौनसा रोल निभा सकता हूं. नहीं तो जब स्टेज अच्छी मिलती थी तब वनडे और टेस्ट में 30 गेंद में 50 और 40 गेंद में 60 रन किए हैं. स्कोर को देखकर आपको खुद को बदलना होता है.'

 

कमाल का रहा है मिस्बाह का करियर

 

मिस्बाह ने साल 2001 में पाकिस्तानी टीम में कदम रखा था लेकिन फिर बाहर हो गए थे. 2007 में दोबारा उनकी वापसी हुई और इसके बाद मुड़कर नहीं देखा. फिर 2012 में आखिरी बार टी20 इंटरनेशनल, 2015 में वनडे और 2017 में टेस्ट खेला था. 75 टेस्ट में 46.62 की औसत से 5222, 162 वनडे में 43.40 की औसत से 5122 और टी20 इंटरनेशनल में 788 रन बनाए. उनके नाम 10 टेस्ट शतक रहे लेकिन वनडे में कभी सैकड़ा नहीं बना. इस फॉर्मेट में उनका सबसे बड़ा स्कोर नाबाद 96 रन रहा. टेस्ट में उन्होंने 41 साल की उम्र के बाद शतक बनाया और सबसे उम्रदराज टेस्ट शतक बनाने वाले बल्लेबाज बने.

 

उन्होंने 36 साल की उम्र में पाकिस्तानी टीम की कप्तानी संभाली और 42 साल की उम्र तक यह जिम्मेदारी निभाई. वे टीम को टेस्ट में नंबर वन पॉजीशन तक लेकर गए थे. वे पाकिस्तान के सबसे सफल टेस्ट कप्तान रहे हैं और 26 टेस्ट जीते. 2015 वर्ल्ड कप में उनके नेतृत्व में टीम क्वार्टर फाइनल तक गई थी. 2007 में हुए पहले टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत के खिलाफ उन्होंने पाकिस्तान को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया था. लेकिन एक अलग तरह के शॉट के चलते वे आउट हो गए.

 

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