पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा और विराट कोहली की तुलना किए जाने से खफ़ा हैं. उनका कहना है कि इस फॉर्मेट में दोनों का कोई मेल ही नहीं है. संजय मांजरेकर ने कहा कि अगर रोहित शर्मा अभी टेस्ट खेलते रहते या इंग्लैंड दौरे पर जाते तो उनकी टेस्ट औसत 30 से नीचे चली जाती. उनका कहना है कि वनडे-टी20 में दोनों की तुलना एक हद तक सही है लेकिन लाल गेंद क्रिकेट में यह जायज नहीं है. रोहित और कोहली दोनों ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया.
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मांजरेकर ने इंग्लैंड दौरे पर रवानगी से पहले भारतीय टेस्ट टीम के नए कप्तान शुभमन गिल की ओर से दिए गए बयान के जवाब में प्रतिक्रिया दी. शुभमन ने कहा था कि रोहित और कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों की इंग्लैंड में कमी खलेगी. इस पर मांजरेकर ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर कर कहा, हाल ही में शुभमन गिल ने एक बयान दिया और इससे मैं आगे नहीं बढ़ पा रहा हूं. मसला बयान का नहीं बल्कि रोहित शर्मा और विराट कोहली को एक साथ रखने का है.
मांजरेकर इस बात से नाखुश थे कि रोहित और कोहली को टेस्ट में एक जैसी अहमियत दी जाती है जबकि दोनों के रिकॉर्ड में काफी अंतर है. उन्होंने कहा,
हमने एक टर्म दे रखी है कि RoKo (रोको). मैं सफेद गेंद क्रिकेट में इसे समझ सकता हूं. वहां तुलना हो सकती है. हालांकि वहां पर भी एक तर्क है लेकिन उस पर बाद में बात करेंगे. जब बात लाल गेंद क्रिकेट की आती है तब दोनों में कोई तुलना नहीं है. और मैं उन दोनों को कभी एक बराबर नहीं रखूंगा. आपको कुछ आंकड़े बताता हूं. जब बात SENA (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) देशों की आती है तो विराट ने वहां पर 12 शतक लगाए. कुल 30 शतक उनके नाम हैं. रोहित शर्मा ने SENA देशों में केवल एक शतक लगाया वह भी 2021 ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ. उन्होंने 100 से ऊपर पारियां खेली हैं और केवल एक शतक. और उनका औसत 40 का है.
रोहित ने भारत के लिए 67 टेस्ट खेले और 40.57 की औसत से 4301 रन बनाए. वहीं कोहली ने 123 टेस्ट में 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए. मांजरेकर ने आगे कहा, और मैं यह कहने का साहस करता हूं कि अगर वह (रोहित) खेलना जारी रखते या वह इंग्लैंड जाते तो उनकी औसत 30 के करीब आ जाती. मैं पूरे भरोसे से तो यह नहीं कह सकता लेकिन ऐसा मेरा अनुमान है. इसलिए जब टेस्ट क्रिकेट की बात होती है तो विराट कोहली एक अलग ही लीग में है. लाल गेंद क्रिकेट में उनकी तुलना और उन्हें साथ रखने पर मैं कहता हूं, रोको, बस करो.
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