तेज गेंदबाज उमेश यादव दो साल से भारतीय टीम से बाहर हैं. उनका आखिरी इंटरनेशनल मैच जून 2023 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में था. इसके बाद उमेश को बाहर कर दिया. लेकिन इस खिलाड़ी ने वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है. वे अभी पैर की मांसपेशियों की चोट से उबर कर रहे हैं. उमेश ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत में कहा कि अभी वे रिकवर कर रहे हैं और कुछ मुकाबले खेलने के बाद ही भारतीय टीम में वापसी के लिए दावा पेश कर पाएंगे.
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उमेश ने भारत के लिए 57 टेस्ट खेले और 170 विकेट निकाले. उन्होंने वापसी को लेकर स्पोर्ट्स तक से कहा, 'वापसी की कोशिश तो पूरी है. मैं खुद तो अपना सेलेक्शन कर नहीं सकता. थोड़ा मैच खेलना होगा, फिट होना होगा. वापस आने के लिए प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना होगा. कोशिश यही है कि फिट होऊं और वापस टीम में आऊं.'
उमेश ने 2011 में किया था टेस्ट डेब्यू
उमेश ने 2011 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था. लेकिन विराट कोहली के कप्तानी बनने के बाद वे भारतीय तेज गेंदबाजी का अहम हिस्सा बन गए थे. उन्होंने 2021 और 2023 में लगातार दो बार डब्ल्यूटीसी फाइनल तक टीम इंडिया के सफर में अहम योगदान दिया था. 37 साल के इस पेसर ने कहा कि वे एक स्वाभाविक तेज गेंदबाज हैं जो किसी ट्रेनिंग से तैयार नहीं हुए हैं. इस वजह से उनका शरीर लगातार चोटों के बाद भी खेल के लिए तैयार हो जाता है.
उमेश यादव बोले- आप तेज गेंदबाज बना नहीं सकते
उमेश ने कहा,
जब मैंने क्रिकेट शुरू की थी तब यह नहीं सोचा था कि यह खेलूंगा, वह खेलूंगा, भारत के लिए खेलूंगा. मैं नैचुरल तेज गेंदबाज हूं. मैं बचपन से तेज गेंदबाजी कर रहा हूं. मैं किसी एकेडमी या नेट्स में नहीं गया. इसलिए मैंने सोचा नहीं था कि मैं भारत के लिए खेलूंगा. खेलते-खेलते आगे गया. किसी ने बोला कि यह खेल ले, किसी ने बोला कि वह खेल ले. खेलते-खेलते कोयले की खदान में काम करने वाले का बेटा भारत के लिए खेलकर यहां बैठा हुआ है. मुझे लगता है कि कुछ चीजें जो होनी होती है वह हो जाती हैं. मै यही कहता हूं कि तेज गेंदबाज नैचुरल होते हैं आप तेज गेंदबाज बना नहीं सकते.
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