इंग्लैंड की टीम पर्थ में लाखों के बर्बाद हुए खाने की दोषी! एशेज सीरीज का पहला टेस्ट दो दिन में खत्म होने पर जस्टिन लैंगर का बेन स्टोक्स की टीम पर आरोप

इंग्लैंड ने पहले एशेज टेस्ट में पहली पारी में बढ़त हासिल कर ली थी, इसके बाद बेन स्टोक्स की टीम को ऑस्ट्रेलिया ने दो दिन के अंदर आठ विकेट से हरा दिया.

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इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स

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ऑस्ट्रेलिया ने दो दिन के अंदर ही पहला एशेज टेस्ट जीत लिया था.

इंग्लैंड ने पहली पारी में बढ़त लेने के बावजूद मुकाबला गंवाया.

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व हेड कोच जस्टिन लैंगर ने इंग्लैंड पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पर्थ स्टेडियम में सीरीज के पहले मैच में पिच की कंडीशन, अपने एशेज राइवल्स और खुद टेस्ट क्रिकेट को लेकर सम्मान की कमी दिखाई, जो दो दिन में खत्म हो गया. उन्होंने उन पर बच्चों को दिल टूटने और बाकी तीन दिनों के लिए तैयार किए गए खाने के भारी नुकसान के लिए भी दोषी ठहराया, क्योंकि वे उन्हें तीसरे दिन मैदान पर नहीं देख पाए. एशेज के पहले दिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही बराबर खराब खेले. दोनों ने मिलकर 19 विकेट गंवाए. मेहमान टीम ने दूसरी इनिंग 30 रन की लीड के साथ शुरू की, लेकिन उनके खराब, अग्रेसिव शॉट सिलेक्शन की वजह से एक और हार हुई. ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए सिर्फ़ 205 रन चाहिए थे, जिसे उन्होंने 29 ओवर से कम में हासिल कर लिया.

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खेल का सम्मान नहीं किया

उन्होंने वेस्ट ऑस्ट्रेलियन में लिखा कि इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए यह एक बड़ी मुसीबत है. खेल में ज़्यादातर समय आगे रहने के बाद कंडीशन, अपने विरोधी और पांच दिन के क्रिकेट के खेल का सम्मान ना करने की वजह से उन्हें इस बार नुकसान हुआ है. मौके चूकने से आप रात में जागते रहते हैं. बड़ी बात यह है कि सिर्फ इंग्लैंड ही दो दिन के टेस्ट मैच का नुकसान नहीं उठाता. उस बच्चे का क्या जो ऑप्टस स्टेडियम में टेस्ट क्रिकेट का अपना पहला दिन देखने का मौका चूक जाता है?

24 घंटों में तीन कहानियां

लैंगर ने आगे कहा कि पिछले 24 घंटों में मैंने तीन ऐसे बच्चों की कहानियां सुनी हैं, जिनका दिल टूट गया है और जिनसे अपने हीरो को लाइव देखने का सपना छीन लिया गया है. खेल की सेहत बच्चों के उससे प्यार करने से जुड़ी है. इसके बिना, खेल टिक नहीं सकता. दो दिन के टेस्ट उन बच्चों के लिए खेल से प्यार करने के तीन दिन के मौके गंवा देते हैं.मेरे दोस्त भी इसी कैटेगरी में आते हैं. हम छह महीने से पर्थ टेस्ट के तीसरे दिन के बारे में बात कर रहे हैं. वे टूट गए हैं.

स्टाफ की सैलरी पर असर

लैंगर ने कहा कि दो दिन के टेस्ट से कई स्टाफ की सैलरी पर असर पड़ा और साथ ही उस पैसे पर भी असर पड़ा जो जमीनी स्तर पर क्रिकेट के लिए इस्तेमाल हो सकता था. उन्होंने कहा कि 2000 कैजुअल स्टाफ जो रविवार को शिफ्ट में काम नहीं कर पाते. उन्हें ना भूलें… ज़्यादातर निराश होंगे और उन्हें अपनी जरूरी सैलरी नहीं मिलेगी. ऑप्टस स्टेडियम में उनके एम्प्लॉयर भी उतना ही नुकसान उठाते हैं, जितना कोई और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ब्रॉडकास्टर को लाखों डॉलर का नुकसान होता है. तीसरे दिन यानी रविवार को CA और स्टेडियम को टिकट और खाने-पीने की चीज़ों की बिक्री में लगभग $10 मिलियन (लगभग 89 करोड़ रुपये) का नुकसान होगा. यह बहुत सारा पैसा है जो जमीनी स्तर पर क्रिकेट में वापस जाता है. 50,000 दर्शकों के लिए तैयार किया गया सैकड़ों और हजारों डॉलर का खाना बर्बाद होना एक मजाक है.

बढ़त के बावजूद हार

पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट की बात करें तो मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने उस मुकाबले को 8 विकेट से जीता था. इंग्लैंड की पहली पारी 172 रन पर सिमट गई थी, जिसके बाद इंग्लैंड के अटैक ने भी मेजबान को बढ़त लेने नहीं दिया और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को 132 रन पर ऑलआउट कर दिया. पहली पारी में बढ़त लेने के बावजूद इंग्ल‍िश टीम मुकाबला हार गई. बेन स्टोक्स की टीम दूसरी पारी में 164 रन ही बना पाई और उसके मेजबान के सामने 205 रन का लक्ष्य रखा, जिसके ऑस्ट्रेलिया ने दो विकेट के नुकसान पर आसानी से हासिल कर लिया.

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