बेन स्टोक्स की चोट और उनके प्रदर्शन पर चर्चा की गई। लॉर्ड्स टेस्ट मैच से पहले उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके चेहरे पर गुस्सा दिखा, जिसके बाद उन्होंने नेट्स में अभ्यास किया और अपनी रणनीति बदली। उन्होंने खुद गेंदबाजी की और टीम को प्रेरित किया। एक तरफ बेन स्टोक्स को खिलाड़ी और कप्तान के रूप में देखा गया, वहीं दूसरी तरफ शुभमन गिल को खिलाड़ी और कप्तान के रूप में देखा गया। दोनों की कप्तानी में अंतर बताया गया। शुभमन गिल को प्रतिक्रियात्मक बताया गया, जबकि बेन स्टोक्स को सक्रिय। शुभमन गिल द्वारा फील्ड प्लेसमेंट में बदलाव और बाहरी संदेशों के प्रभाव का भी उल्लेख किया गया। पूर्व इंग्लैंड कप्तान नासिर हुसैन ने अपनी कप्तानी का अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा, "मेरी कप्तानी में हार और जीत मेरे सर चढ़ती थी। अगर मैं बुरा करता हूँ तो मैं दिख जाऊंगा, मैं उनको जिम्मेदारी ठहराना चाहता ना वो अपने ऊपर लेना चाहते हैं कोई क्रेडिट।" यह भारत और इंग्लैंड के महामुकाबले में टीमों की रणनीति और चालों पर प्रकाश डालता है।
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