इस विशेष साक्षात्कार में, पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने अपने क्रिकेट करियर और मैदान के अंदर और बाहर के जीवन से जुड़े कई अनसुने किस्से साझा किए हैं. उन्होंने 2002 की नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल की ऐतिहासिक जीत को याद करते हुए बताया कि कैसे 325 रनों के विशाल लक्ष्य के बावजूद टीम का मनोबल ऊंचा था और तत्कालीन कोच जॉन राइट के साथ हुई एक घटना का भी जिक्र किया. सहवाग ने अपने 'एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट' के सिद्धांत पर बात की और बताया कि कैसे सौरव गांगुली ने टीम में आत्मविश्वास भरा. इस बातचीत में उन्होंने सचिन तेंदुलकर द्वारा उन्हें शांत रखने के लिए केला दिए जाने का मजेदार वाकया, शोएब अख्तर की गेंदबाजी और पाकिस्तान दौरे पर मिली मेहमाननवाजी के अनुभव भी साझा किए. यह इंटरव्यू उनके क्रिकेट जीवन, निजी विचारों और यादगार पलों का एक तथ्यात्मक संकलन प्रस्तुत करता है.
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