विराट कोहली की इंग्लैंड में टेस्ट मैच न खेलने की नाराजगी पर चर्चा हुई. यह भी बताया गया कि उन्होंने कप्तानी गुस्से में छोड़ी थी, जो एक भावनात्मक फैसला था. हालांकि, बाद में ऑस्ट्रेलिया में स्टॉप-गैप अरेंजमेंट के रूप में कप्तानी के लिए उन्हें खुला देखा गया. इस चर्चा में रोहित शर्मा के वनडे भविष्य को लेकर भी ऐसी ही स्थिति की आशंका जताई गई, जिसमें उन्हें ऑस्ट्रेलिया ले जाकर संन्यास के लिए कहा जा सकता है. बीसीसीआई की नीति पर भी बात हुई कि बोर्ड किसी खिलाड़ी को संन्यास लेने के लिए नहीं कहता, यह फैसला खिलाड़ी का होता है. एक वक्ता ने कहा, "ये कभी ना साल वापस नहीं आते," और विराट कोहली को इंग्लैंड में खेलना चाहिए था, क्योंकि उन्हें टेस्ट क्रिकेट से बहुत मोहब्बत है. यह भी कहा गया कि खिलाड़ी को अपने जुनून के लिए खेलना चाहिए, न कि सिर्फ रिकॉर्ड्स के लिए.
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