भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान व हरियाणा राज्य सरकार के खेल मंत्री संदीप सिंह (Sandeep Singh) के खिलाफ चंडीगढ़ में एफआईआर दर्ज हुई. जूनियर महिला कोच ने पूर्व हॉकी खिलाड़ी संदीप पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया. जिसके बाद संदीप सिंह भी सामने आए और उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए तत्काल प्रभाव से खेल मंत्री का पद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंप दिया है. उनका कहना है कि जब तक इस मामले का सच सामने नहीं आ जाता. तब तक वह नैतिकता और इंसानियत के आधार पर अपने पद पर नहीं रहना चाहते हैं.
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गौरतलब है कि एक जनवरी यानि रविवार की सुबह चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में स्थित पुलिस थाने पर आईपीसी की धारा 354, 354ए, 354बी, 342, 506 के तहत संदीप के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जिसके बाद संदीप सिंह ने कहा कि मुझे बड़ा दुःख होता है कि एक खिलाड़ी के आधार पर जो दूसरों की हेल्प करते हैं. उनको इन चीजों का सामना करना पड़ता है. बिना किसी आधार के मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. जबसे मैंने खेल मंत्री का पद संभाला है तबसे हरियाणा इस क्षेत्र में दिन प्रति दिन बेहतर कर रहा है. इस मामले में मैं सिर्फ ये कहना चाहूंगा कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए."
वहीं संदीप ने आगे अपना खेल मंत्री का पद छोड़ते हुए कहा, "जब तक मेरे उपर आरोप लगे हैं. तब तक मैं इंसानियत और नैतिकता के आधार पर अपना कार्यभार मुख्यमंत्री जी को सौंपता हूं. मैं चाहता हूं कि इस मामले की तह तक जांच होनी चाहिए. जब तक इस पर सफाई नहीं आ जाती मैं इस पद पर नहीं रह सकता."
किसने और क्या लगाए आरोप ?
जूनियर महिला कोच ने हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर आरोप लगाते हुए बताया कि उन्होंने मुझे पहले सरकारी आवास में बुलाया. उसके बाद मेरे साथ यौन उत्पीड़न हुआ. इसकी शिकायत जब मैंने राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से की तो किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया. कोच ने बताया कि उन्हें कुछ डाक्यूमेंट्स के काम के लिए बुलाया गया था. जहां पर उनसे छेड़छाड़ की गई थी. इसके बाद महिला कोच का किसी और जगह पर ट्रांसफर कर दिया गया.
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