Paris Olympic, Avinash Sable : पेरिस ओलिंपिक 2024 में एथलेटिक्स की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा के फाइनल्स में भारत के अविनाश साबले मेडल नहीं जीत सके. हालांकि वह इस स्पर्धा के फाइनल में भाग लेने वाले भारत के पहले पुरुष एथलीट जरूर बने. साबले ने इस दौड़ को 8:14.18 के साथ फिनिश किया और वह ग्यारहवें स्थान पर रहे. इसके साथ ही साबले का ओलिंपिक मेडल जीतने का सपना धरा रह गया.
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गोल्ड मेडल से नौ सेकेंड दूर रहे साबले
अविनाश साबले ने क्वालिफिकेशन राउंड की दूसरी हीट में 8 मिनट 15.43 सेकेंड के समय के साथ पांचवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में जगह बनाई थी. लेकिन इसके बाद फाइनल में उन्होंने 8 मिनट 14.18 सेकेंड का समय लिया व काफी पीछे रहे. साबले की स्पर्धा में आठ मिनट 06.05 सेकेंड के समय के साथ मोरक्को के एल बक्काली सौफ़ियाने ने गोल्ड मेडल जीता, जबकि इसके बाद 8:06.41 समय के साथ अमेरिका के रूक्स केनेथ ने सिल्वर मेडल और 8:06.47 के समय के साथ कांस्य पदक केन्या के अब्राहम ने अपने नाम किया. इस तरह सबले गोल्ड मेडल वाले एथलीट से रेस में करीब नौ सेकेंड पीछे रहे.
इंडियन आर्मी के जवान हैं अविनाश साबले
महाराष्ट्र से आने वाले 29 साल के अविनाश ने 12वीं पास करने के बाद इंडियन आर्मी ज्वाइन की थी और वहीं के आर्मी एथलेटिक्स प्रोग्राम का हिस्सा बनकर सबसे पहले उन्होंने क्रॉस कंट्री रेस में हाथ आजमाया था. लेकिन इसके बाद साबले को इंजरी हुई तो उनके आर्मी के कोच ने 3000 मीटर स्टीपलचेज में भाग्य आजमाने की सलाह दी. साबले ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और ओलिंपिक का तक सफर तय किया
एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में मचाया था धमाल
अविनाश साबले की बात करें तो उन्होंने साल 2019 दोहा में सबसे पहले एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में डेब्यू किया था. इसके बाद साल 2023 के एशियन गेम्स में अविनाश साबले ने गोल्ड मेडल जीता था. जिससे इस स्पर्धा में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले साबले पहले भारतीय एथलीट बने थे. इसके बाद भी साबले नहीं रुके और उन्होंने 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल भी हासिल किया था. इस तरह कॉमनवेल्थ गेम्स में भी 3000 मीटर स्टीपलचेज में मेडल लाने वाले वह पहले भारतीय बने थे. हालांकि टोक्यो ओलिंपिक 2020 में वह इस स्पर्धा के फाइनल में जगह नहीं बना सके.
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