Paris Olympics 2024 : पीवी सिंधु की ट्रेनिंग में लगे हैं 12 लोग, मनिका बत्रा के लिए चीन से आया टेबल, भारतीय एथलीट्स की तैयारी में खर्च हुए 72 करोड़ रुपए

Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलिंपिक की तैयारी के दौरान भारतीय एथलीट्स को कोई दिक्कत न हो इसके लिए अब तक कुल 72 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. 

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Neeraj Singh

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एक्शन में पीवी सिंधु और मनिका बत्रा

एक्शन में पीवी सिंधु और मनिका बत्रा

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Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलिंपिक्स के लिए भारतीय एथलीट्स खूब तैयारी कर रहे हैंParis Olympics 2024 : पिछले तीन सालों में इन एथलीट्स पर 72 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं

3 हफ्ते से भी कम समय में भारतीय एथलीट्स को ओलिंपिक गेम्स 2024 के लिए पेरिस पहुंचना होगा. हर खिलाड़ी अलग अलग देशों से पेरिस पहुंचेंगे जिसमें जापान, जर्मनी, अमेरिका और टर्की जैसे देश शामिल हैं. भारतीय एथलीट्स इस दौरान अपनी तैयारी के उन 3 सालों को विदा करेंगे जिसमें सभी ने अपनी पूरी मेहनत झोंक दी. कुछ एथलीट्स तैयारी के लिए जर्मनी के क्वार्टर्स में रहे हैं. वहीं इक्वेस्ट्रियन इवेंट के लिए घोड़ों को अलग तरह का खाना खिलाया जा रहा है. इसके अलावा पिछले तीन सालों से इंडियन मिशन ओलिंपिक सेल खिलाड़ियों से हर गुरुवार को बातचीत करता है.

 

स्पेशल ट्रेनिंग कर रहे हैं सभी एथलीट्स


1. बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु को तीसरे ओलिंपिक मेडल के लिए तैयार करवाने के लिए कुल 12 स्पेशलिस्ट लोगों की टीम काम कर रही है. फिलहाल सिंधु जर्मनी में हैं. पीवी सिंधु के पास इंफ्रारेड कैबिन भी है जिसमें वो रिकवरी करती हैं. वहीं एचएस प्रणय हाइपरबैरिक ऑक्सीजन थैरिपी और रेड लाइट थैरिपी लेते हैं. इन सब फैसिलिटी के लिए काफी पैसे खर्च होते हैं. 


2. टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा को कई दिक्कत न हो इसलिए उनके लिए चीन से टेबल मंगाया गया है जिससे उन्हें पेस, स्पिन और बाउंस की आदत लग जाए.


3. इसके अलावा इक्वेस्ट्रियन टीम के घोड़ों के लिए स्पेशल तरह का खाना खिलाया जा रहा है. वहीं इसमें सैडल पैड्स, बूट्स और ब्लैंकेट्स भी शामिल हैं जिन्हें अलग अलग जगहों से मंगाया गया है. 


4. वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के लिए आईपैड और हाई स्पीड कैमरे मंगवाए गए हैं. 


5. टेबल टेनिस में शरत कमल को भी फंड मिले हैं जिसमें कई सारे टेस्ट और बोन डेंसिटी स्कैंस शामिल हैं.

 

72 करोड़ रुपए 3 साल में खर्च


बता दें कि इंडिया मिशन ओलिंपिक सेल में पूर्व एथलीट्स, भारत और विदेशी कोच, हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर और फेडरेशन- सरकार के ऑफिशियल्स शामिल हैं. ये सभी एथलीट्स के साथ मीटिंग करते हैं. भारत के लिए ये खास बात है लेकिन अमेरिका- चीन में ऐसा काफी पहले से होता आ रहा है. हालांकि भारत ने अब जाकर ग्लोबल स्टैंडर्ड का पीछा किया है.

 

टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम के तहत कुल 72 करोड़ रुपए इन एथलीट्स की तैयारी में खर्च किए गए हैं. ये रकम पिछले तीन सालों के भीतर खर्च हुई है. यानी की टोक्यो ओलिंपिक से लेकर अब तक. वहीं रियो 2016 से ये रकम दोगुनी हो चुकी है. इन खर्चों में खिलाड़ियों के एक्विपमेंट्स, फेसिलिटी, ट्रेनिंग प्लान्स, सनग्लासेस, स्पोर्ट्स वॉच, हाई स्पीड कैमरा, टेक्नोलॉजी, कपड़े, खाना और सप्लिमेंट्स शामिल हैं.

 

बता दें कि भारत को सिर्फ 5 खेलों में ही मेडल की उम्मीद है. इसमें बॉक्सिंग, बैडमिंटन, एथलेटिक्स, आर्चरी और वेटलिफ्टिंग शामिल है. बता दें कि पिछले टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने कुल 7 मेडल जीते थे जिमसें पहली बार नीरज चोपड़ा ने देश को ट्रैक एंड फील्ड के जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल दिलाया था. कहा जा रहा है कि इस बार बॉक्सिंग में 3 मेडल्स आ सकते हैं. जबकि बैडमिंटन में 2-3, आर्चरी में 1, एथलेटिक्स में 1 और वेटलिफ्टिंग में 1 मेडल आ सकता है.

 

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