Paris Paralympics 2024 : पेरिस ओलिंपिक 2024 के बाद पेरिस में ही होने वाले पैरालिंपिक 2024 गेम्स में भारत ने छह दिन के भीतर ही मेडल की बौछार करके इतिहास रच दिया. भारत ने अभी तक पैरालिंपिक खेलों के एक एडिशन में सबसे अधिक 19 मेडल्स हासिल किए थे. लेकिन जैसे ही मंगलवार की देर रात ऊंची कूद स्पर्धा में शरद कुमार और मरिय्प्पन थंगावेलु ने मेडल हासिल किए तो भारत ने इतिहास रच दिया. भारतीय पैराएथलीट्स अभी तक 20 मेडल अपने नाम कर चुके हैं. जो कि भारत के पैरालिंपिक खेलों के एक एडिशन में अभी तक जीते जाने वाले सबसे अधिक मेडल हैं.
ADVERTISEMENT
ऊंची कूद में मेडल का डबल धमाका
भारत के लिए ऊंची कूद के टी63 इवेंट में शरद कुमार ने 1.88 मीटर की हाइट को पार किया और इसके साथ ही सिल्वर मेडल अपने नाम किया. शरद ने लगातार दूसरे पैरालिंपिक खेलों में मेडल जीता, इससे पहले 2020 टोक्यो पैरालिंपिक में शरद ने कांस्य पदक अपने नाम किया था. वहीं शरद के अलावा रियो पैरालिंपिक 2016 में गोल्ड और टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में सिल्वर मेडल जीतने वाले मरिय्प्पन इस बार केवल 1.85 मीटर की हाइट को ही पार कर सके. जिससे उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा. इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल अमेरिका के एजरा ने 1.94 मीटर की हाइट को पार करके जीता.
अजीत और सुंदर ने जैवलिन थ्रो में जीता मेडल
वहीं इससे पहले पैरालिंपिक 2024 के मेंस जैवलिन थ्रो एफ-64 इवेंट में भारत के लिए अजीत सिंह और सुंदर सिंह गुर्जर ने भी मेडल अपने नाम किए. अजीत ने 65.62 मीटर दूर जैवलिन फेंककर अपने पैरालिंपिक करियर का पहला मेडल हासिल किया. जबकि इसी इवेंट में कांस्य पदक भारत के सुंदर ने जीता. वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर सुंदर 64.96 मीटर दूर ही जैवलिन फेंक सके और वह तीसरे स्थान पर रहे.
पैराएथलीट्स ने 20 मेडल जीतकर रचा इतिहास
साल 1960 से खेले जाने वाले पैरालिंपिक खेलों में भारत का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन अभी तक 2020 टोक्यो पैरालिंपिक में 19 मेडल्स के साथ दर्ज था. लेकिन भारतीय पैराएथलीट्स ने अपने इसी टॉप प्रदर्शन को पेरिस में महज छह दिनों में पीछे छोड़ दिया. 2024 पेरिस पैरालिंपिक में भारत के नाम अब 20 मेडल्स हो चुके हैं. जिसमें तीन गोल्ड, सात सिल्वर और 10 कांस्य पदक शामिल है. ये भारत का पैरालिंपिक के इतिहास में अभी तक का बेस्ट प्रदर्शन बन चुका है.
ये भी पढ़ें :-
टीम इंडिया की सेलेक्शन कमिटी में बड़ा बदलाव, बांग्लादेश सीरीज से पहले अगरकर को मिला नया साथी