पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारत की झोली में एक घंटे में तीन मेडल आ गए हैं. पहले शूटिंग में अवनि लेखरा ने गोल्ड और मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज जीता, फिर 100 मीटर रेस में प्रीति पाल ने ऐतिहासिक ब्रॉन्ज जीत लिया. प्रीति ने विमेंस 100 मीटर टी-35 फाइनल में तीसरे स्थान पर रहीं. वो पैरालिंपिक में ट्रैक इवेंट में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गई हैं. प्रीति ने 14.21 सैकंड के अपने पर्सनल बेस्ट समय के साथ ब्रॉन्ज जीता. वहीं चीन की झोउ जिया ने इस इवेंट का गोल्ड और उनकी हमवतन गुओ कियानकियान ने सिल्वर जीता.
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प्रीति को पहले से ही मेडल का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था और वो देश की उम्मीदों पर खरी भी उतरी. वो इस साल जबरदस्त फॉर्म में थीं और उन्होंने अपनी वहीं फॉर्म पेरिस में भी बरकरार रखी. प्रीति ने इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो गोल्ड जीते थे. फिर इस साल मई में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने ब्रॉन्ज जीता. उन्होंने इसी के साथ पेरिस पैरालिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया था.
सपने को पूरा करने के लिए लगाई जी जान
मेरठ में जन्मीं प्रीति को बचपन से ही सेरेब्रल पाल्सी नाम की बीमारी है. इसके बावजूद उन्होंने अपने सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और उसे पूरा करने के लिए उन्होंने जी जान लगा दी. सालों की मेहनत और संघर्ष के दम पर प्रीति आज पेरिस पैरालिंपिक में तिरंगा लहराने में कामयाब रहीं. पूरा देश उनके ऐतिहासिक मेडल का जश्न मना रहा है. प्रीति पाल आज करोड़ों लोगों की प्रेरणा बन गई हैं.
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