अवनि लेखरा पेरिस पैरालिंपिक में विमंस 10 मीटर एयर राइफल स्टेडिंग एसएच 1 में अपना खिताब बचाने में कामयाब रहीं. उन्होंने 249.7 के पैरालिंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीता. वो दो पैरालिंपिक गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं. अवनि ने पेरिस में कमाल कर दिया, मगर पेरिस में इस कमाल को करने के लिए उन्हें काफी दर्द भी सहना पड़ा था.
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दरअसल पेरिस पैरालिंपिक से पांच महीने पहले अवनि को सर्जरी से गुजरना पड़ा था. उनके गॉलब्लैडर स्टोन को निकालने के लिए ऑपरेशन किया गया था. दरअसल स्टोन के दर्द के कारण उनकी ट्रेनिंग प्रभावित हो रही थी. इसीलिए उन्होंने मार्च में ऑपरेशन का फैसला लिया. अवनि के पिता प्रवीण ने इसकी जानकारी दी. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार-
गॉलब्लैडर स्टोन 2023 से ही उसे परेशान कर रहा था. इसका असर उसकी ट्रेनिंग पर भी पड़ा, क्योंकि पेट और कमर के आस-पास बार-बार होने वाले दर्द का मतलब था कि वो शूटिंग रेंज में सामान्य समय नहीं बिता सकती थी. अवनि पेरिस पैरालिंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती थीं. इसलिए हमने इस साल मार्च में गॉलब्लेडर स्टोन को निकालने का फैसला किया. उसे ठीक होने में कुछ समय लगा और ये एक मुश्किल दौर था, लेकिन मुश्किल साल के आखिर में उसने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की.
पैरालिंपिक में अवनि का ये तीसरा मेडल है. इससे पहले उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में दो मेडल जीते थे. वो किसी एक पैरालिंपिक एडिशन में एक से ज्यादा मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय बनी थीं. इससे पहले किसी एक पैरालिंपिक एडिशन में जोगिन्दर सिंह सोढ़ी ने एक से ज्यादा मेडल जीते थे. उन्होंने साल 1984 में तीन मेडल जीते थे.
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