विनेश फोगाट को पेरिस ओलिंपिक में सिल्वर मेडल मिलना चाहिए या नहीं, इस पर बहस जारी है. गोल्ड मेडल से ठीक पहले पेरिस ओलिंपिक से डिस्क्वालीफाई होने वाली विनेश ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील करके सिल्वर मेडल की मांग की है. उनका कहना है कि वो सिल्वर मेडल की हकदार हैं. उनकी याचिका पर फैसला कब आएगा, इसे लेकर CAS ने बड़ी अपडेट दी है.
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CAS ने प्रेस रिलीज जारी करके कहा कि विनेश फोगाट की अयोग्यता के खिलाफ उनकी याचिका पर फैसला ओलिंपिक खेलों के समाप्त होने से पहले आने की उम्मीद है. ओलिंपिक का समापन 11 अगस्त को होना है. दरअसल सात अगस्त को विनेश को अमेरिका की सारा के खिलाफ 50 किग्रा वेट कैटेगरी का गोल्ड मेडल मैच खेलना था, मगर मैच वाले दिन सुबह उनका तय लिमिट से 100 ग्राम अधिक पाया गया, जिस वजह से उन्हें ओलिंपिक से ही डिस्क्वालीफाई कर दिया गया. जबकि पहले दिन उनका वजन 50 किग्रा के अंदर ही था और उन्होंने अपने तीनों मैच जीतकर फाइनल में एंट्री करके अपना मेडल पक्का कर लिया था.
सेमीफाइनल के बाद बढ़ गया था विनेश का वजन
विनेश फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं, मगर विनेश देश की झोली में ऐतिहासिक गोल्ड नहीं डाल पाई. सेमीफाइनल के बाद उनका वजन करीब दो किलो बढ़ गया था. उन्होंने पूरी रात जागकर वजन कम करने की काफी कोशिश की, मगर फिर भी उनका वजन 50 किलो 100 ग्राम पर अटक गया, जिसका खामियाजा उन्हें डिस्क्वालीफाई होकर उठाना पड़ा.
जिसके बाद उन्होंने सिल्वर दिए जाने की मांग करते हुए CAS में अपील की. ओलिंपिक खेलों के दौरान या उद्घाटन समारोह से पहले 10 दिनों की अवधि के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद के समाधान के लिए यहां CAS की शाखा को यहां स्थापित किया गया है. भारत के जाने माने वकील हरीश साल्वे और स्पोर्ट्स लॉ एक्सपर्ट विदुष्पत सिंघानिया कोर्ट के मददगार के रूप में जुड़ गए हैं.
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