पेरिस ओलिंपिक 2024 का आगाज हो गया है. हजारों खिलाड़ी अपने देश का झंडा बुलंद करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. खेलों के महाकुंभ पर पूरी दुनिया की नजर है. खेलों के साथ ओलिंपिक कॉल्ड्रन (ओलिंपिक फ्लैम) की चर्चा भी पूरी दुनिया में हो रही है. जिसे किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है. दरअसल पेरिस ओलिंपिक काल्ड्रॉन कई मायनों में पिछले ओलिंपिक काल्ड्रॉन से काफी अलग है. इस ओलिंपिक कॉल्ड्रन की जो सबसे बड़ी खासियत में से एक है, वो हॉट एयर बैलून के रूप में इसका डिजाइन है. जो मोंट गोल्फियर भाइयों को समर्पित है. जिन्होंने साल 1783 में हॉट एयर बैलून बनाया था. ये भी काफी दिलचस्प है कि ओलिंपिक कॉल्डन को ट्यूटेरा गार्डन में उसी जगह पर रखा गया है, जहां पहली बार हॉट एयर बैलून को उड़ाया गया था.
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पेरिस ओलिंपिक फ्लैम कई और वजहों से भी खास है. दरअसल पेरिस ओलिंपिक को इको फ्रेंडली गेम कहा जा रहा है. इसी वजह से एथलीट विलेज में भी एयर कंडीशन तक नहीं है. यहां तक कि इन खेलों के लिए नए स्टेडियम नहीं बनाए गए. पुराने स्टेडियम का ही इस्तेमाल किया जा रहा है. रिसायकल चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिस सैन नदी पर ओलिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी का आयोजन हुआ, उसे पूरी तरह से साफ किया गया. दरअसल आयोजक यहां पर कोई कार्बन फुटप्रिंट्स नहीं छोड़ना चाहते और ओलिंपिक फ्लैम में भी इस लक्ष्य को ध्यान में रखा गया. इसी वजह से पेरिस में प्रज्जवलित ओलिंपिक फ्लैम को किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा.
दरअसल सालों से ओलिंपिक फ्लैम को प्रज्जवलित करने के लिए लकड़ी, कोयला, पैट्रोल आदि का इस्तेमाल किया जा रहा था, मगर इनके इस्तेमाल से फ्लैम से धुआं निकलता है. जिससे प्रदूषण फैलता है. पेरिस के ट्यूटेरा गार्डन में रखी गई ओलिंपिक फ्लैम में भी हॉट एयर बैलून के नीचे आग के साथ धुआं निकलता दिख रहा है, मगर असल में वो ना तो आग है और ना ही असल में कोई धुआं निकल रहा है.
पानी के इस्तेमाल से कमाल
ओलिंपिक फ्लैम में आग और धुएं का आभास कराने के लिए पानी का इस्तेमाल किया गया है. पाइप के जरिए हाई प्रेशर नोजल्स का उपयोग किया गया. ऐसे में जब पानी निकलता है तो धुंध सा बनता है, जो लोगों को धुएं का आभास करा रहा है. वहीं आग का आभास कराने के लिए 40 एलईडी बल्ब को नीचे लगाया गया है. उन 40 एलईडी बल्ब की रोशनी धुंध के साथ मिलकर आग और धुएं का अहसास करा रही है. ओलंपिक खेलों में यह पहली बार है जब कॉल्ड्रन को जीवाश्म ईंधन के बिना जलाया गया. पिछले खेलों की तरह इस बार पेरिस में ओलिंपिक कॉल्ड्रन जमीन पर नहीं है. हॉट एयर बैलून से बंधा कॉल्ड्रन हवा में है. रात के वक्त ये कॉल्ड्रन जमीन से 60 मीटर (197 फीट) से ज्यादा ऊपर हवा में होता है.
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