भारत के किदांबी श्रीकांत को मलेशिया मास्टर्स सुपर के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा. उन्हें दुनिया में चौथी रैंक के चीनी खिलाड़ी ली शी फेंग ने 11-21 9-21 से मात दी. फाइनल मुकाबला केवल 36 मिनट में खत्म हो गया. श्रीकांत छह साल बाद किसी बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड ट्यूर फाइनल में पहुंचे थे. वे अभी दुनिया में 82वें नंबर के खिलाड़ी हैं. अलग-अलग तरह की चोटों और खराब फॉर्म के चलते श्रीकांत लाइमलाइट से दूर हो गए. लेकिन मलेशिया मास्टर्स एक तरह से उनके लिए नई शुरुआत हो सकती है.
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श्रीकांत एक समय दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी थे. उन्होंने 2017 में एक साल के अंदर चार सुपरसीरीज जीती थी. वे यह कमाल करने वाले पहले भारतीय बने थे. इसके बाद 2021 में उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. इसके बाद से उनके खेल में गिरावट आई. किदांबी ने मलेशिया मास्टर्स गंवाने के बाद कहा कि चेयर अंपायर भी उन्हें देखकर चौंक गए. उन्होंने कहा, 'मुझे पता है मेरे चेयर अंपायर भी पूछ रहे थे कि मैं कहां था. मुझे पता नहीं था कि लोग याद कर रहे थे. इसलिए वापसी की खुशी है. फिर से खेलकर अच्छा लग रहा है. मैं खुद को खुश रखना चाहता हूं. मेरे करियर में एक समय पॉइंट था जहां मैं आमतौर पर वहां (पॉडियम) खड़े रहा करता था. इसलिए पॉडियम पर आना खास है.'
किदांबी श्रीकांत ने बताया चोटों ने कैसे असर डाला
श्रीकांत को पिछले कुछ साल में कंधे, घुटने, एड़ी में चोट का सामना करना पड़ा. इससे उनकी ट्रेनिंग पर बुरा असर हुआ. नवंबर 2024 में शादी के बाद उन्होंने खेल से ब्रेक भी ले लिया था. उन्होंने कहा, 'पिछले साल सिंगापुर ओपन में मैं गिर गया था और फिर थोड़ा समय लग गया. मैंने जितना सोचा था उससे ज्यादा समय गुजर गया. नवंबर में मैंने शादी की. इसके बाद ब्रेक रहा. जनवरी में मैंने ट्रेनिंग शुरू की. जब आप चोट से वापस आते हैं तब मुश्किल होती है. जब आप बहुत कम मैच खेलते हैं तब सीधे आकर किसी टूर्नामेंट में खेलना आसान नहीं रहता है.'
श्रीकांत ने मलेशिया मास्टर्स में जूनियर वर्ल्ड चैंपियन कुओ कुआन लिन, चीन के लु गुआंग जू, आयरलैंड के न्हाट न्गुएन, फ्रांस के टोमा जूनियर पोपोव और जापानके युशी टनाका को हराया.
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